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India News(इंडिया न्यूज),Qatar Will Not Execute Indians Death penalty: कतर की एक कोर्ट ने वहां रह रहे भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है जिसे लेकर देश में चर्चा तेज हो गई है। बता दें, आज दुनिया भर में एक ताकतवर मुल्क के तौर पर उभर चुके भारत के इन अधिकारियों को ऐसी सजा दे पाना कतर के लिए उतना आसान नहीं जितनी आसानी से सजा सुना दी गई है।
दरअसल, भारत सरकार ने ऐलान कर दिया है कि कतर की अदालत के इस फैसले के खिलाफ हर तरह के कानूनी विकल्प का इस्तेमाल किया जाएगा। एक छोटा सा खाड़ी मुल्क भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका देगा? ये मुमकिन नहीं है। तो आइए जानते हैं इसके लिए भारत के पास क्या हैं विकल्प?
अभी कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान ने भी भारत के पूर्व नेवी अधिकारी कुलभूषण जाधव को इसी तरह से मौत की सजा दी थी लेकिन भारत ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की और फांसी पर रोक लग गई। यह विकल्प कतर के मामले में भी भारत के पास मौजूद है। इसके अलावा हम कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी 8 भारतीयों को माफी दे सकते हैं। ये भी जरूरी है कि इसके लिए समय पर आवेदन करना होगा। वह साल में दो बार ऐसी सजा को माफ करते हैं और निश्चित तौर पर भारत अपील करने में देरी नहीं करेगा।
भारत विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार (26 अक्टूबर) को कहा गया कि कतर की अदालत के फैसले से स्तब्ध हैं। परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम से संपर्क किया जा रहा है। सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा। भारत ने ये भी साफ कर दिया है कि वह कतर की कैद में बंद भारतीयों को राजनयिक परामर्श देता रहेगा।
मी़डिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा है कि फिलिपंस के एक नागरिक को भी इसी तरह से मौत की सजा सुनाई गई थी। वह कतर जनरल पेट्रोलियम में काम करता था। आरोप था कि वायुसेना के दो अन्य आरोपी उसे खुफिया जानकारी देते थे जिसे वह फिलिपींस तक पहुंचाता था।
मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था। इसलिए फिलिपंस के नागरिक को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस मामले में अपील की गई और कोर्ट ने सजा कम करके आजीवन कारावास में बदल दिया था। वायुसेना के दो अन्य आरोपियों को भी 25 साल की सजा घटाकर 15 साल कर दी गई।
फैबियन कहते हैं कि वहां के कानूनों में इस तरह की सजा और बाद में माफ करने का रिवाज रहा है। इसके अलावा भारत से कूटनीतिक रिश्ते भी खास हैं। इस वजह से कतर के लिए आठ भारतीयों को फांसी के फंदे पर लटका देना आसान नहीं होगा।
कतर ने जिन लोगों को सजा सुनाई है वे हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश। इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। इन भारतीयों ने नौसेना में लगभग 20 साल तक काम किया। नेवी में ट्रेनर से लेकर अन्य महत्वपूर्ण पदों पर इन लोगों ने काम किया है। विदेश मंत्रालय इनके परिवार के संपर्क में है और साफ कर चुका है कि उन्हें भारत की ओर से हर तरह की कानूनी सहायता दी जाएगी।
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