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India News (इंडिया न्यूज),Air Show in Dubai: दुबई में आयोजित हुए एयर शो में भारतीय लड़ाकू विमानों ने जलवा बिखेड़ कर रख दिा है। जहां दुनिया का सबसे छोटा और हल्का सुपरसोनिक फाइटर जेट एलसीए तेजस और भी घातक होने जा रहा है। जिसका कारण ये है कि भारत में बने इस लड़ाकू जेट के साथ अल तारिक को भी जोड़ा जाएगा। जानकारी के अनुसार बता दें कि, अल तारिक-एलआर सटीक युद्ध सामग्री किटों के अल तारिक फैमिली का हिस्सा है। ये अपनी टेक्नोलॉजी के चलते पूरी सटीकता के साथ टारगेट को हिट करता है। इसे खास तरह से डिजाइन किया गया है। इसकी खूबी ये है कि ये हवा में भी अपनी दिशा बदल सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, भारतीय लड़ाकू विमान तेजस के साथ अल तारिक को जोड़ने की घोषणा दुबई एयर शो के मौके पर की गई थी। जिसको लेकर साल की शुरुआत में अल-तारिक और भारतीय एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते का उद्देश्य लंबी दूरी के सटीक हथियार की पेशकश करने के अपने अभियान के हिस्से के रूप में तेजस और अल तारिक यानी एलआर-पीजीएम को एकीकृत करना है। एचएएल के तेजस एलसीए पर एएल तारिक के एलआर-पीजीएम का पूर्ण एकीकरण 2024 की तीसरी तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है।
वहीं इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए अल तारिक के सीईओ थ्यूनिस बोथा ने कहा है कि, हम तेजस फाइटर जेट के ग्राहकों को हाई-टेक्नोलॉजी समाधान प्रदान करने के रणनीतिक अभियान में एचएएल के साथ जुड़े हैं। अल तारिक हथियार प्रणाली को खास तौर पर एलसीए तेजस के लिए ही डिजाइन किया गया है। ये हर मौसम के लिए उपयुक्त है। इसे तेजस के विंग किट जोड़ने से स्टैंड-ऑफ रेंज 45 किमी से 120 किमी तक बढ़ जाती है।
बता दें कि, भारतीय सेना के मिग-21 को बेड़े से बाहर किया जा रहा है। इससे एलसीए तेजस भारतीय वायु सेना के लिए और ज्यादा अहम हो जाएगा। जानकारी ये भी सामने आ रही है कि, इंडियन एयर फोर्स ने दक्षिण भारत के सुलूर हवाई अड्डे पर LCA Mk-1 को तैनात किया है। एलसीए तेजस को फ्रंट लाइन पर तैनात करने का मकसद, घाटी में उड़ान और दूसरे अभियानों में अनुभव हासिल करने में मदद करना है। अग्रिम ठिकानों पर तैनाती ये भी दिखाती है कि इस विमान में भारतीय वायुसेना का भरोसा बढ़ा है।
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