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India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Tunnel: फंसे हुए श्रमिकों को उनके परिवारों से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए बीएसएनएल के द्वारा ध्वस्त सुरंग स्थल से 200 मीटर की दूरी पर टेलीफोन सुविधा को स्थापित किया गय़ा है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि, फंसे हुए 41 श्रमिकों को उनके परिवार के सदस्यों से बात करने के लिए, उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई।
फंसे हुए श्रमिकों को उनके परिवार के सदस्यों से जोड़ने में सक्षम बनाने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा ध्वस्त सुरंग स्थल से 200 मीटर की दूर पर टेलीफोन सुविधा स्थापित की गई है। वहीं, अधिकारियों ने आगे कहा कि पिछले 13 दिनों से आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को एक हैंडसेट दिया जाएगा।
इसको लेकर बीएसएनएल के डीजीएम राकेश ने कहा कि, “हमने एक टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है। हम उन्हें भोजन भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाले पाइप के माध्यम से लाइन से जुड़ा एक फोन भी देंगे। इस फोन में इनकमिंग और आउटगोइंग सुविधाएं रहेगी। जिससे वे अपने परिवार से बात कर सकते हैं।” चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि, वर्तमान में, श्रमिकों और उनके रिश्तेदारों के बीच संचार की सुविधा छह इंच चौड़े पाइप द्वारा की जाती है। जहां बचाव कर्मियों और फंसे हुए लोगों के रिश्तेदारों को अंदर की स्थिति को देखने की अनुमति देने के लिए पाइप के माध्यम से एक एंडोस्कोपिक कैमरा भी डाला जाता था। वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि, इस बीच फंसे हुए श्रमिकों के बचाव अभियान में उम्मीद से अधिक समय लगेगा। क्योंकि भारी ड्रिल मशीन – जिसको ऑगर मशीन कहा जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि, मलबे में फंसकर क्षतिग्रस्त हुई बरमा मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर हवाई मार्ग से मंगाया जा रहा है।वहीं, बाधाओं के कारण पिछले 24 घंटों में कोई प्रगति नहीं हुई है। जबकि, ऑगर मशीन के फंसे हिस्सों को हटाने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी।
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