संबंधित खबरें
विश्व में भारतीय सेना का बजा डंका, इस हिंदू राष्ट्र ने सैन्य प्रमुख को किया मानद उपाधि से सम्मानित, फिर बिलबिला उठेगा चीन
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
अगर दोस्त पुतिन ने फोड़ा परमाणु बम…तो भारत पर क्या होगा असर? मिट जाएगा इन देशों का नामो-निशान
India News(इंडिया न्यूज),Nepali Soldiers: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में कई सैनिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जिसमें दोनों देशों के अलावा अन्य कई देश के जवानों की जाान जाने की बातें सामने आ रही है। जिसके बाद नेपाल सरकार का एक बड़ा दावा सामने आया है। जिसमें नेपाल ने रूस से रूसी सेना के लिए नेपाली सैनिकों की भर्ती बंद करने को कहा है और उन छह नेपाली सैनिकों की वापसी की मांग की है जो रूस में सेवारत थे और मारे गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि, नेपाली सैनिक, जिन्हें गोरखा के नाम से जाना जाता है, जो कि, बहादुरी के लिए जाने जाते हैं और भारत की आजादी के बाद से ब्रिटिश और भारतीय सेनाओं में सेवा कर रहे हैं। जबकि नेपाल का यूके और भारत के साथ समझौता है, लेकिन रूस के साथ उसका ऐसा कोई समझौता नहीं है। नेपाल ने भी अपने नागरिकों से युद्धग्रस्त देशों की सेनाओं में शामिल नहीं होने का आग्रह किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में नेपाल के छह सैनिकों की जान जाने की खबर सामने आरी है। जानकारी के लिए बता दें कि, नेपाली सेना में सेवारत छह सैनिकों के मारे जाने का खुलासा करने के बाद नेपाल ने कहा कि, उसने मॉस्को से अपने नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती नहीं करने और वहां तैनात किसी भी नेपाली सैनिक को तुरंत हिमालयी राष्ट्र में वापस भेजने के लिए कहा है। वहीं नेपाली सैनिक, जिन्हें गोरखा कहा जाता है, अपनी बहादुरी और युद्ध कौशल के लिए जाने जाते हैं, और 1947 में तीन देशों के बीच एक समझौते के तहत भारत की स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश और भारतीय सेनाओं की सेवा कर रहे हैं।
चीन और भारत के बीच फंसे इस छोटे से हिमालयी राष्ट्र का रूस के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है, जिसने फरवरी 2022 में पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण किया और तब से युद्ध में लगा हुआ है। नेपाल सरकार ने एक बयान में कहा कि उसके छह नागरिक, जो रूसी सेना की सेवा कर रहे थे, मारे गए, बिना कोई विवरण दिए। विदेश मंत्रालय ने सोमवार देर रात कहा, “नेपाल सरकार ने रूसी सरकार से उनके शव तुरंत वापस करने और उनके परिवारों को मुआवजा देने का अनुरोध किया है।”
इसके साथ ही बता दें कि, इस विषय में नेपाल सरकार की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि, रूसी सेना में कार्यरत और यूक्रेन द्वारा पकड़े गए एक नेपाली नागरिक को रिहा कराने के लिए राजनयिक प्रयास चल रहे हैं। नेपाल ने अपने नागरिकों से किसी भी युद्धग्रस्त देश की सेना में शामिल नहीं होने का भी आग्रह किया। बता दें कि, अंग्रेजी दैनिक, द काठमांडू पोस्ट ने मॉस्को में नेपाल के राजदूत मिलन राज तुलाधर के हवाले से कहा कि 150-200 नेपाली रूसी सेना में भाड़े के सैनिकों के रूप में काम कर रहे थे।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.