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India News (इंडिया न्यूज), Om Birla writes letter to MPs over Parliament security breach: 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक के बाद से गुरुवार को सदन में खूब हंगामा देखने को मिला। काफी हंगामा के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने 13 सांसदों को निलंबित कर दिया। अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को एक पत्र लिखा है।
ओम बिरला ने पत्र में लिखा कि “लोकसभा में 13 दिसंबर, 2023 को जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, वह निश्चित तौर पर हम सबके लिए गहरी चिंता का विषय है। इस घटना पर हमने सदन में भी सामूहिक रूप से चिंता व्यक्त की थी। उसी दिन मैंने इस विषय पर सभी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श किया था कि किस प्रकार हम संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर सकते हैं। उस बैठक में आपके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद सुरक्षा चूक मामले पर सभी सांसदों को पत्र लिखा।
उन्होंने लिखा, “घटना की गहन जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है … मैंने एक उच्च शक्ति वाली समिति का गठन भी किया है जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी… pic.twitter.com/4dDePK5uiD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 16, 2023
उन्होने आगे लिखा कि ” सदन के भीतर हुई इस घटना की गहन जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमिटी बनाई गई है। इस कमिटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। शीघ्र ही इस कमिटी की रिपोर्ट को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मैंने एक हाई पावर्ड कमिटी और बनाई है, जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा करेगी। यह कमिटी, संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएगी, ताकि फिर कभी कोई ऐसी किसी घटना को अंजाम ना दे सके।”
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे लिखा कि “आप सभी भलीभांति अवगत हैं कि हमारे सदन में पूर्व में भी ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। सदन के अंदर आगंतुकों द्वारा पिस्टल लाने, नारेबाजी करने, दर्शक दीर्घा से कूद जाने और पर्चे फेंकने जैसी घटनाओं का साक्षी पूरा देश रहा है। देश ने ऐसी घटनाएं भी देखी हैं, जब कुछ माननीय सदस्य, सदन के अंदर मिर्च का स्प्रे लेकर आ गए थे।
ऐसी हर घटना के समय सदन ने एकजुटता का परिचय देते हुए एक स्वर में इनके विरोध में अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। आप सभी सदस्य भली-भांति परिचित हैं कि संसद परिसर की सुरक्षा, संसद के क्षेत्राधिकार में आती है। इसलिए सुरक्षा के विषय पर हमारी जो भी कार्य योजना बनेगी, वह आप सबके साथ विचार विमर्श करके, आपके सुझावों के आधार पर ही बनेगी और उसके बाद संसद सचिवालय द्वारा ही क्रियान्वित की जाएगी। पूर्व में भी तत्कालीन अध्यक्षों और सदन ने ही ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए उनपर आवश्यक कार्रवाई की है।”
उन्होने आगे लिखा कि ” यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल और कुछ सांसद सदन द्वारा लिए गये सांसदों के निलंबन के फैसले को संसद में हुई घटना से जोड़ रहे हैं। यह सर्वथा अनुचित है। सांसदों के निलंबन और सदन में 13 दिसंबर, 2023 को हुई घटना का परस्पर कोई संबंध नहीं है। सांसदों का निलंबन विशुद्ध रूप से संसद भवन में श्रेष्ठ संसदीय परम्पराओं के अनुपालन से जुड़ा है। नए संसद भवन में प्रवेश के समय हम सभी ने मिलकर तय किया था कि हम सदन में तख्तियां और प्लेकार्ड लेकर नहीं आएंगे, सदन के वेल में जाकर हंगामा नहीं करेंगे।”
उन्होने आगे लिखा कि “हम ये भी जानते हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान होने वाले अनुचित हंगामे और इस तरह के आचरण से पूरे देश की जनता को नाराजगी रहती है। इसलिए हम इस बात पर भी एकमत थे कि नए संसद भवन में हम संसदीय मर्यादा और शालीनता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करेंगे। इसी संदर्भ में सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा की सुरक्षा के लिए सदन को सासंदों के निलंबन का कठोर निर्णय लेना पड़ा है। इस निर्णय का मुझे भी दुख है। लेकिन आप सभी से मेरी अपेक्षा भी है कि भविष्य में सभी सदस्य सदन की गरिमा को सर्वोपरि रखेंगे।”
ओम बिरला ने आगे लिखा कि ” लोक सभा अध्यक्ष के रूप में मेरा सदैव यही प्रयास रहा है कि सदन के अंदर सार्थक चर्चा हो, जिसमें सभी माननीय सदस्यों का सकारात्मक और रचनात्मक योगदान हो। हमारे सामूहिक प्रयासों से ही सदन ने कार्य उत्पादकता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मेरा विश्वास है कि हमारे सामूहिक प्रयासों से भविष्य में भी यह सदन लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने में तथा व्यापक सामाजिक सरोकारों को पूरा करने में समर्थ होगा । मेरा आप सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते राष्ट्र के प्रति हमारे जो कर्तव्य हैं, उनका हम निष्ठापूर्वक अनुपालन करें।मेरा विश्वास है कि मुझे आप सभी सम्मानित साथियों का पूर्ण सहयोग एवं समर्थन निरंतर प्राप्त होता रहेगा।”
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