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India News (इंडिया न्यूज),Gujarat News: वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में आयोजित हुई इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस के एक हिस्से के रूप में स्पेस फॉर ऑल थीम पर पैनल डिस्कशन आयोजित हुआ। इसमें मॉडरेटर की भूमिका निभाने वाले स्पेस एप्लिकेशन सेंटर, अहमदाबाद के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने चर्चा की शुरुआत में कहा कि हमारे यहाँ स्पेस यानी चंद्रयान, मार्स मिशन या गगनयान को ही माना जाता है, परंतु स्पेस का क्षेत्र इससे भी बहुत विशाल है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन, नेवीगेशन, रिमोट सेंसिंग, स्पेस साइंस मिशन आदि क्षेत्र भी अति महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों और आम लोगों के लिए खुला करने की सरकार की पहली की प्रशंसा की। नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), इसरो के निदेशक प्रकाश चौहाण ने भारत सरकार द्वारा बनाई गई स्पेस पॉलिसी 2023 की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पॉलिसी गेम चेंजर सिद्ध होगी और स्पेस फॉर ऑल के मिशन को साकार करने में सहायक बनेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही हमारे भूनिधि पोर्टल पर से डेटा लेने वाले लोगों में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। स्पेस पॉलिसी से देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनाई गई नई स्पेस पॉलिसी से देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में लोकाभिमुखता बढ़ी है।
वायासेट इंडिया के एमडी गौतम शर्मा ने विस्तार से बताया कि उनकी कंपनी की लीगेसी स्पेस तथा मरीन क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने की है। नीदरलैंड के भारत स्थित दूतावासा के इनोवेशन काउंसेलर श्री धोया स्निजडेयर्स ने भारत के साथ नीदरलैंड के द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम स्पेस एंड टेक्नोलॉजी विभाग तथा इसरो जैसे संस्थान के साथ काम करते हैं और हमारा अच्छा अनुभव रहा है।
जापानी कंपनी एस्टोस्केल के प्रेसीडेंट एडी काटो ने पिछले 10 वर्षों में उनकी कंपनी द्वारा अंतरिक्ष में ही सैटेलाइट री-फ्यूलिंग तथा अंतरिक्ष में बिखरे सैटेलाइट कूड़े को हटाने के लिए किए जाने वाले कामकाज की जानकारी दी। उन्होंने जोड़ा कि हम सप्लाई चेन में किसी भारतीय कंपनी के जुड़ने की अपेक्षा रखते हैं। हम आगामी समय में भारत में जॉइंट वेंचर शुरू करने को लेकर उत्सुक हैं।
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