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India News, (इंडिया न्यूज), Republic Day 2024: इस साल हमारा भारत 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए देशभर में सेना की ओर से तैयारियां की जा रही है। पूरा भारत तिरंगे के रंग में रंगने को तैयार है। इस खास मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर सेना की ओर से शानदार परेड की जाती है। गौरतलब हो कि कर्तव्य पथ को पहले हम सभी राजपथ के नाम से जाना जाता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन आखिर कर्तव्य पथ ही क्यों परेड किया जाता है।
आपको बता दें कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। साल 1947 में भारत को मिली आजादी के बाद इसे लोकतांत्रिक बनाने के मकसद से देश का संविधान बनाना शुरू किया गया। 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुए भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 में देश की संविधान सभा ने स्वीकार किया। इसके बाद अगले ही साल 26 जनवरी, 1950 को पूरे देश में यह संविधान लागू किया गया था।
जब भारत आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा ले रहा था तब कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) ने अहम भूमिका निभाया था। बता दें कि इसे राजपथ से भी पहले किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। इसे राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के दिल माने जाने वाला ‘केंद्र’ क्षेत्र माना जाता है। जब देश को आजादी मिली तो इसका नाम किंग्सवे से राजपथ रख दिया गया। आजादी से लेकर पिछले सात दशकों में हर साल इसी इसी जगह पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित होती है।
जान लें कि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का विस्तार देश के लिए ऐतिहासिक रुप से अहम है। ऐतिहासिक अहमियत के कारण ही कर्तव्य पथ पर हर साल गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है।
जब देश गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर आजाद हुआ तो पहली गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम में आयोजित की गई थी। बता दें यह इलाका दिल्ली के पुराने किले के सामने ही था। इसी जगह पर पहली गणतंत्र दिवस परेड आयोजित किया गया था। जिसे अब आफ लोग मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। उस समय स्टेडियम की चारदीवारी नहीं थी। तब खुले मैदान के सामने स्थित पुराना किला साफ दिखता था।
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