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India News (इंडिया न्यूज),Donkeys Killed Worldwide: ब्रिटिश चैरिटी द डोंकी सैंक्चुअरी की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘एजियाओ’ की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अब हर साल विश्व स्तर पर कम से कम 59 लाख गधों को उनकी खाल के लिए मार दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘एजिआओ’ एक पारंपरिक चीनी उपचार है जिसे मजबूत वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी के बावजूद स्वास्थ्य लाभ के लिए विज्ञापित किया गया है। 2027 तक यह आंकड़ा 67 लाख गधों तक पहुंचने का अनुमान है।
जब भी गधे का नाम दिमाग में आता है तो यही समझ आता है कि इनका इस्तेमाल सिर्फ बोझ ढोने के लिए किया जाता है। सुदूर पहाड़ियों पर गधों या खच्चरों के जरिए भी सामान पहुंचाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गधे सिर्फ यहीं काम नहीं आते, बल्कि ये कई तरह से काम आते हैं। यहां तक कि जब वे मर जाते हैं तो उनकी त्वचा का उपयोग दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है।
इंसान की जिंदगी को आसान बनाने में गधे बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं बल्कि कई अन्य काम भी करते हैं। जिनमें से एक है गधी का दूध। दरअसल, गधी का दूध बहुत मुश्किल से मिलता है। जिसके कारण यह काफी महंगा भी है। आमतौर पर गाय का दूध आपको 60 रुपये लीटर मिलता है, लेकिन गधी के दूध की कीमत 5 हजार रुपये तक जाती है। दरअसल, जो लोग लैक्टोज असहिष्णु होते हैं वे गाय का दूध नहीं पी सकते हैं। ऐसे में उन्हें गधी का दूध ही दिया जाता है। यही कारण है कि अमेरिका में गधी के दूध की भारी मांग है।
क्या आप जानते हैं गधे की खाल से भी लोगों की जान बचती है। दरअसल, इनकी त्वचा से एनीमिया, प्रजनन क्षमता और अनिद्रा से जुड़ी बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं। चीन में गधे की खाल की काफी मांग है।
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