संबंधित खबरें
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
India News (इंडिया न्यूज), Sandeshkali Violence: संदेशखाली मामले पर CBI जांच की मांग को लेकर दायर की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। बता दें कि यह याचिका पीड़ितो की ओर से सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर करके सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट जाएं:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट जाएं। जजों ने इस बात पर जोर दिया कि हाई कोर्ट पहले ही मामले को स्वत: संज्ञान ले लिया है। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पहले ही SIT जांच के आदेश जारी किये हैं। हाई कोर्ट ने अपने बयान में कहा था कि, हमारा लक्ष्य पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। इस दौरान न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने संदेशकली मामले की तुलना मणिपुर की स्थिति से करने पर आपत्ति भी व्यक्त की।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद याचिका वापस ले ली। जिसके बाद हाई कोर्ट को मामले की जिम्मेदारी लेने की अनुमति मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई की अनुमति दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली मामले की निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच की निगरानी के लिए विभिन्न राज्यों के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। यह सुझाव निष्पक्ष जांच की मांग के लिए की गई.
यह भी पढ़ें-Tripura: न्यायाधीश बना आरोपी! त्रिपुरा में महिला ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
PIL में क्या था?
पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की। जनहित याचिका में न केवल पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई बल्कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी मांग की गई थी।
क्या है पूरा मामला?
संदेशखाली की महिलाओं ने कुछ दिनों पहले टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर जमीन पर कब्जा करने और रेप करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद महिलाओं ने टीएमसी लीडर शाहजहां शेख पर कार्यवाही की मांग कर रही हैं। इस मामले को लेकर राजनीति भी खूब गरम हो गई हैं। बता दें कि शाहजहां शेख पर पहले से ही ईडी राशन घोटाले मामले जांच कर रही है.
संदेशखाली में तनाव तब और बढ़ गया जब पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को वहां पहुंचने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ झड़प में कथित तौर पर चोटें आईं। भाजपा के लोगों का दावा रहा है कि वे संदेशखाली पीड़ितों से बस मिलना चाहते हैं. वहीं टीएमसी के लोगों का कहना है भाजपा हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है।
यह भी पढ़ें- Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मतगणना विवाद में अधिकारी का बयान, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.