संबंधित खबरें
Sambhal हिंसा मामले में कूदे Rahul Gandhi, पकड़ ली PM Modi की सबसे बड़ी गलती?
क्या मुगलों ने भारत में जबरन धर्म परिवर्तन कराया था? इतिहास का वो काला सच जान उड़ जाएंगे आपके होश!
Parliament Winter Session: 'मुट्ठीभर लोगों की गुंडागर्दी के जरिए…', शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले PM मोदी ने भरी हुंकार, विपक्षियों को यूं दिया करारा जवाब
प्याज-टमाटर के बाद फटा CNG बम, इन शहरों में मंहगा हुआ ईंधन, आसमान छुएगा गाड़ी का खर्च
शादी में दुल्हन को छोड़…मिनी ट्रक के पीछे क्यों भागने लगा दूल्हा, वीडियो देख नहीं होगा आंखों पर विश्वास
अग्रेंजी बोलने वाला इंजीनियर सड़कों पर मांग रहा भीख, मां बाप को खोने के बाद हुआ ऐसा हाल, वीडियो देखने वाले रो पड़े
India News (इंडिया न्यूज), ISRO भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कथित तौर पर मंगल ग्रह पर एक और महत्वाकांक्षी मिशन की योजना बनाने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो मंगल ग्रह पर लैंडर भेजने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंगल की सतह पर उतरने के बाद लैंडर एक रोवर के साथ-साथ एक रोटोकॉप्टर (हेलीकॉप्टर) भी उतारेगा। खबरों के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी मंगल ग्रह पर ड्रोन या रोटोकॉप्टर भेजने की योजना बना रही है।
बता दें कि, यह ड्रोन NASA के Ingenuity क्वाडकॉप्टर जैसा होगा। इनजेन्युटी ने तीन वर्षों में मंगल ग्रह पर 72 उड़ानें भरीं। इसने 18 किलोमीटर की दूरी तय की और दो घंटे से अधिक की उड़ान का समय अर्जित किया। नासा के मुताबिक, यह योजना से 14 गुना आगे है। इसकी ऊंचाई 24 मीटर तक थी और इसकी गति 36 किमी प्रति घंटा तक थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो का रोटरक्राफ्ट अभी भी वैचारिक चरण में है। इसमें तापमान सेंसर, ह्यूमिडिटी सेंसर, प्रेशर सेंसर, विंड स्पीड सेंसर, इलेक्ट्रिक फील्ड सेंसर, ट्रेस स्पीशीज़ और डस्ट सेंसर जैसे कई डिवाइस होने की उम्मीद है। साथ ही उम्मीद है कि हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह के वायुमंडल की रूपरेखा तैयार करने के लिए मंगल की पतली हवा में 100 मीटर तक की ऊंचाई तक उड़ान भरेगा।
ये भी पढ़े-Pakistan Politics: पाकिस्तान में बनेगी शहबाज शरीफ की सरकार, ये दोनो पार्टी में होगी समझौता
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रोन मार्टियन बाउंड्री लेयर एक्सप्लोरर (MARB) नामक एक उपकरण सूट से लैस है, जिसे मंगल ग्रह के हवाई अन्वेषण के लिए डिज़ाइन किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन वायुमंडलीय कारकों की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइलिंग करेगा और मंगल की निकट-सतह सीमा परतों का इन-सीटू माप करेगा। यह अनुमान लगाया गया है कि मार्बल मिशन मंगल के मौसम के पैटर्न और ग्रह की ऐतिहासिक जलवायु के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा। यह जानकारी भविष्य की स्थितियों और संभावित खतरों के पूर्वानुमान के साथ-साथ आगामी अन्वेषण मिशनों की रणनीतिक योजना में सहायता के लिए आवश्यक है। इससे पहले साल 2013 में, इसरो अपने मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) के साथ मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान भेजने वाली चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई थी, जो मंगल पर भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन था। इसे 05 नवंबर 2013 को पीएसएलवी-सी25 से लॉन्च किया गया था।
ये भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.