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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Governors and Lieutenant Governors Conference राष्ट्रपति Ramnath Kovind ने कहा है कि राज्यपालों को लोगों से जीवंत संपर्क बनाए रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे विशेषज्ञ संविधान निमार्ताओं की राय थी कि राज्यपाल आम लोगों व सरकार के दोस्त, दार्शनिक व मार्गदर्शक होंगे। रामनाथ कोविंद ने यहां राष्ट्रपति भवन में आज राज्यपालों और उपराज्यपालों के 51वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि राज्यपालों को अपने राज्यों को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहिए।
रामनाथ कोविंद ने राज्यपालों व उपराज्यपालों से यह भी कहा कि वे याद रखें कि राज्य के लोगों के कल्याण व सेवा के प्रति वे वचनबद्ध हैं। राष्ट्रपति ने राज्यपालों की जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल सम्मेलन का हिस्सा बनने पहुंचे। इसके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। बताया गया है कि राष्ट्रपति ने सम्मेलन के दौरान 2019 के बाद नियुक्त हुए सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों को बधाई दी और फिर पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, लालजी टंडन और मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक जताया।
कोविंद ने कहा, कोरोना के चलते हम दो साल के अंतराल पर मिलें। इस मौके पर हमें फ्रंटलाइन वर्कर्स को श्रेय देना चाहिए जो कि कोरोना से लड़ने में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। इतना ही नहीं राष्ट्रपति ने भारत में जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए वैज्ञानिकों और आंत्रप्रेन्योर्स के काम की भी सराहना की। उन्होंने महामारी रोकने के लिए राज्यों की तरफ से की गई कोशिशों पर भी चर्चा की।
बता दें कि राज्यपालों, उपराज्यपालों का यह सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। अधिकारियों ने कहा कि रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में यह चौथा सम्मेलन है।
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