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पंजाब सीएम ने केंद्र सरकार के इस फैसले को किसानों का मजाक बताया
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की एमएसपी में की गई वृद्धि को शर्मनाक करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे सरकार को मुसीबत में घिरे किसानों, जो कि पिछले 10 महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं, के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ मजाक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत का कृषि क्षेत्र कठिन समय में से गुजर रहा है और किसान उचित एमएसपी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे समय भाजपा के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने अन्नदाताओं के साथ भद्दा मजाक किया है।गेहूं की एमएसपी को प्रति क्विंटल 2830 रुपए निर्धारित किए जाने (केंद्र द्वारा आज ऐलानी 2015 रुपए प्रति क्विंटल की नाममात्र सी कीमत की जगह) की मांग करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों को उपभोक्ताओं को आर्थिक छूट देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह राहत तो वह पिछले काफी समय से देते आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार किसानों की मुश्किलों की तरफ ध्यान दे और उनको बनते हक दे। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से किसानों को लगातार अनदेखा किए जाने के कारण खेती क्षेत्र, जोकि देश की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है, तबाही के किनारे पर आ गया है। उन्होंने आगे पूछा कि केंद्र सरकार क्यों हमारे किसानों के साथ इस तरह का बुरा सलूक कर रही है। गेहूं की एमएसपी को प्रति क्विंटल 2015 रुपए निर्धारित किए जाने को पंजाब के किसानों की उम्मीद से कहीं नीचे बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में गेहूं की उपज की लागत को मुख्य रखते हुए प्रति क्विंटल 2830 रुपए एमएसपी का सुझाव दिया था। उन्होंने आगे कहा कि सीएसीपी के अनुमानों के मुताबिक बीते साल सिर्फ़ विस्तृत उत्पादन लागत ही 3.5 फीसदी बढ़ गई थी और इससे तो लागत खर्च के बीच की मुद्रा स्फीति भी पूरी नहीं पड़ती। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गेहूं की एमएसपी रबी सीजन (2021-22) में 1975 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ती हुई रबी (2022-23) के लिए 2015 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है जोकि बीते साल के मुकाबले सिर्फ .2 फीसदी विस्तार है। परंतु, लागत खर्च काफी बढ़ गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस साल मजदूरी में 7 फीसदी का विस्तार हुआ है और इसके साथ ही डीजल की कीमतें 4 प्रतिशत और मशनीरी की कीमत इस समय के दौरान तकरीबन 20 प्रतिशत बढ़ गई है।
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