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India News (इंडिया न्यूज़),Spain: एक नए अध्ययन के अनुसार यूरोपीय देश स्पेन एक ऐसा देश है जहां बहुत दुर्लभ और गहरे भूकंप के झटके आने का खतरा सबसे ज्यादा है। वैज्ञानिकों ने इसका कारण भी पता लगा लिया है। स्पेन पूरी दुनिया से बिल्कुल अलग ही एक भूभाग हो जाता है। यह पृथ्वी की सतह के नीचे की टेक्टोनिक प्लेट का एक बहुत ही अलग तरह का हिस्सा है। जिसके कारण स्पेन और उसके आसपास का भूभाग बहुत अलग हो गया है। जमीन के नीचे होने वाली अनोखी हलचलों के कारण यहां तरह-तरह के भूकंप आते रहते हैं।
भूकंपीय तरंगों के अध्ययन पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक जब अफ्रीका और यूरेशिया महाद्वीप के नीचे की टेक्टोनिक प्लेटें टकराईं। उनका एक हिस्सा स्पेन और उसके आसपास का हिस्सा भूमध्य सागर में पूरी तरह से पलट ही गया था। यह घटना लाखों साल पहले घटी होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि 1954 के बाद से स्पेन के शहर ग्रेनाडा के 600 किलोमीटर नीचे पांच गहरे भूकंप आ चुके हैं।
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इस गहराई पर आने वाले भूकंप किसी बड़े भूकंप के बाद के झटके के रूप में आते हैं। लेकिन 2010 में स्पेन में आए भूकंप के अध्ययन ने बताया कि किसी तरह के बाद के झटके नहीं आए थे। इसका मतलब यह है कि पूरी दुनिया के भूकंपों की तुलना में यहां अलग-अलग तरह के भूकंप आते हैं।
जब पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं तो एक प्लेट दूसरी प्लेट से ऊपर उठने लगती है। इस प्रक्रिया को सबडक्शन यानी धंसना कहा जाता है, इससे ऊपर उठने वाली परत सतह पर पहाड़ बनाने लगती है। जबकि नीचे की प्लेट अंदर की ओर बढ़ती हुई मेंटल में विलीन होने लगती है। स्पेन के पास भी ऐसा ही हुआ।
यह सब अफ़्रीका और यूरेशिया की प्लेटों के साथ हुआ जिसके कारण भूमध्य सागर की तली धीरे-धीरे यूरोप के नीचे धँसती जा रही है। 2010 के ग्रेनेडा भूकंप से पता चला कि लहरें अधिक गहराई से आ रही थीं। उन्होंने पाया कि बहुत सारा पानी ठंडी प्लेट की ओर नीचे की ओर बढ़ रहा है। इससे वैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह परत बहुत तेजी से नीचे की ओर बढ़ रही है, जिसकी गति 70 मिमी प्रति वर्ष होनी चाहिए।
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