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India News (इंडिया न्यूज़), Russia-Ukraine war: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार, 7 मार्च को आकर्षक नौकरियों के बहाने भारतीय युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजने में शामिल एक प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में तलाशी ले रही है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने विभिन्न वीजा परामर्श फर्मों और एजेंटों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
यह घटनाक्रम हैदराबाद के 30 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद अफसान के यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में मारे जाने के एक दिन बाद आया है। बता दें, धोखे से अफसान को जबरन रूसी सेना में शामिल किया और उसे जंग में झोंक दिया गया। लगभग एक सप्ताह ही पहले गुजरात के सूरत के हामिल मंगुकिया नामक व्यक्ति की मौत के बाद वह रूसी जंग में मारे जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
अफसान के भाई मोहम्मद इमरान ने मॉस्को दूतावास को पत्र लिखकर मौत का सबूत मांगा। TOI के मुताबिक इमरान ने हाल ही में अपने भाई का पता लगाने और उसे घर लाने के लिए मॉस्को जाने की योजना बना रहे थे। इमरान को बाद में बताया कि हालांकि उन्हें मॉस्को दूतावास से मौत की पुष्टि के लिए फोन आया था। वहीं भर्ती एजेंट ने दावा किया कि उनका भाई जीवित है और मंगलवार तक कुछ सबूत मिल जाएंगे।
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इसी तरह की कई और घटनाएं देश के अलग-अलग कोने से आई है। विदेश भेजने और काम का भरोसा दिलाने के नाम पर एजेंटों ने लोगों को धोखा दिया। रूस पहु्ंचने के बाद इन सभी लोगों को यूक्रेन के खिलाफ जंग में जबरन धकेल दिया गया। एजेंट ने कथित तौर पर उन लोगों से 3.5 लाख रुपये भी वसूले। कुछ लोगों के परिवार ने तो कर्ज लेकर यह रकम चुकाई थी।
पिछले महीने विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संबंध में भारतीय नागरिकों को चेतावनी जारी की थी। विदेश मंत्रालय ने इन व्यक्तियों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ भी मामला उठाया है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि लगभग 20 भारतीय अभी भी रूस में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें वापस लाने के प्रयास कर रही है।
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