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India News (इंडिया न्यूज़), US-China Conflict: दुनिया में समय के साथ देशों के बीच रिश्तें बनते और बिगड़ते रहते हैं। वर्ल्ड वॉर 2 के अंत के साथ अमेरिका और यूएसएसआर यानि रूस के बीच विश्व गुरु बनने को लेकर जंग अभी भी जारी है। एक तरफ जहां अमेरिका नाटो समूह का नेतृत्व कर रहा है। वहीं रूस उसके विरोधी चीन, उत्तर कोरिया और ईरान को लेकर साथ चल रहा है। गौरतलब है कि करीब पिछले 2 सालों से रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच चीन ने अमेरिका के खिलाफ रूस को समर्थन दिया है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने शनिवार (16 मार्च) को कहा कि रूस पर अगर अमेरिका या नाटो हमला करने का फैसला करता है। उस स्थिति में बीजिंग हस्तक्षेप करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बता दें की ये बयान ऐसे समय में आया है जब इस महीने स्वीडन ने आधिकारिक तौर पर नाटो में शामिल हुआ है। जिसके बाद से ही नाटो और मॉस्को के बीच मतभेद चल रहा है। दरअसल, टेलीग्राम चैनल ने चीनी रक्षा प्रतिनिधि की वोट से कहा कि अगर अमेरिका या नाटो रूस पर हमला करने का फैसला करते हैं तो चीन कहीं भी सैन्य हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। हमने दावे को सत्यापित करने के लिए विभाग से संपर्क किया है। वहीं इस सप्ताह के शुरू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो सदस्यों को चेतावनी जारी किया था। जिसमें पुतिन ने कहा था कि अगर यूक्रेन को अमेरिका अपना सेना भेजता है तो मास्को परमाणु युद्ध के लिए तैयार है।
बता दें कि नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने सहयोगी देशों से यूक्रेन को तत्काल और अधिक गोला-बारूद भेजने का आह्वान किया। उनका ये बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी कांग्रेस में इस बात पर बहस जारी है कि क्या कीव को अरबों डॉलर की सहायता भेजी जाए। स्टोल्टेनबर्ग ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि अमेरिका, कनाडा और यूरोप को और अधिक करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेनियों को भी योजना बनाने में सक्षम बनाने के लिए हमें दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
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