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India News (इंडिया न्यूज़), Electoral bond: पोल पैनल ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली फंडिंग पर ताजा डेटा अपलोड किया है। चुनाव आयोग ने आज चुनावी बांड पर राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा जारी किया। चुनाव आयोग ने यह डेटा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दिया था।
भाजपा को इन बांडों के माध्यम से अधिकतम 6,986.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और बीआरएस (1,322 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। रविवार को चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला कि चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार, फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने बॉन्ड के जरिये तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को 509 करोड़ रुपये का दान दिया।
ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेडी ₹ 944.5 करोड़ के साथ चौथी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता थी, उसके बाद डीएमके ₹ 656.5 करोड़ थी और आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने लगभग ₹ 442.8 करोड़ के बांड भुनाए।
चुनाव आयोग ने आज एक बयान में कहा, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजीटल रिकॉर्ड के साथ फिजिकल प्रतियां वापस कर दी हैं। भारत के चुनाव आयोग ने आज सुप्रीम की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा अपलोड कर दिया है।
चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद डेटा जारी किया।
ईसी द्वारा जारी नवीनतम दस्तावेज़ में केवल बांड की तारीख, मूल्यवर्ग, बांड की संख्या, जारी करने वाले भारतीय स्टेट बैंक शाखा, प्राप्ति की तारीख और क्रेडिट की तारीख का कच्चा डेटा हैं। यह बांड की यूनीक नंबर का खुलासा नहीं करता है।
तृणमूल कांग्रेस ने एसबीआई को पत्र लिखकर बांड की यूनीक नंबर मांगी है ताकि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर सके। बीजेपी ने एसबीआई को ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, बल्कि कच्चा डेटा दिया है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा कि उसे चुनावी बांड के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है।
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