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India News (इंडिया न्यूज़), Indian Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अंतराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां तेज और मजबूत आर्थिक विकास की भविष्यवाणी कर रही हैं। इन सभी एजेंसियां के द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि भारत आने वाले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी। इस बात को खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कह चुके हैं। परंतु इन आंकड़ों को लेकर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ अलग कहा है। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक ग्रोथ के डेटा को जिस तरह बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। भारत की उसपर भरोसा करना सबसे बड़ी भूल होगी।
रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ने के लिए भारत को कई प्रकार के स्ट्रक्चरल समस्याओं का सबसे पहले हल करना होगा। एक इंटरव्यू में पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद बनने वाली नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती एजुकेशन सिस्टम और वर्कफोर्स के कौशल विकास में सुधार लाना रहने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि भारत इन खामियों को दूर कि बगैर अपने युवा आबादी के फायदे उठाने में दिक्कतों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ आबादी में आधी आबादी 30 साल से कम आयु की है।
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि जिस प्रकार मजबूत आर्थिक विकास को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है उसपर भरोसा करना भारत की बड़ी गलती होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस हाइप को सही साबित करने के लिए हमें अगले कई वर्षों तक बेहद कठिन परिश्रम करना होगा। पूर्व आरबीआई गवर्नर के मुताबिक राजनेता चाहेंगे कि आप इस हाइप पर भरोसा करें क्योंकि वे चाहते हैं कि आप मान लें कि हम ये हासिल कर चुके हैं। साथ ही भारत को साल 2047 तक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपके बच्चों के पास हाई स्कूल एजुकेशन उपलब्ध नहीं है। इससे डॉप-आउट रेट्स बेहद ज्यादा है तो ऐसे में इन लक्ष्यों को हासिल करने की बातें करना बेकार है।
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