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India News (इंडिया न्यूज), Chaitra Month 2024, दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार 26 मार्च से चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी ह। फाल्गुन माह साल का आखिरी और चैत्र माह नए साल की पहले महीने को कहा जाता है। चैत्र महीना 23 अप्रैल तक चलेगा वहीं शुक्ल पक्ष के प्रतिपादक से नए विक्रम संवत शुरू हो रहा है। इस बार नया विक्रम संवत 2081 होगा। वहीं कहां जाता है की पूजा पाठ और उपासना के क्षेत्र में ये महीना काफी महत्वपूर्ण होता है। इस महीने व्रत और उपवास रखने का अधिक फल प्राप्त होता है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने ही चैत्र शुक्ला प्रतिपादित तिथि से ही सृष्टि की रचना की थी।
इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु ने दशावतार के रूप में पहला मत्स्य अवतार लेकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था। चैत्र माह के पहले दिन ही भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था। वही चैत्र माह से सर्दियों का मौसम खत्म हो जाता है और गर्मियां आरंभ हो जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सभी माहों के नाम इस प्रकार पड़े हैं। चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ
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* चैत्र माह का हिंदू धर्म के अनुसार काफी महत्व होता है। इस माह में व्यक्ति को जल्दी उठाना चाहिए और सूर्य की रोशनी में योग और कसरत करनी चाहिए। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
* चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपाद्य में नवमी तिथि तक नवरात्रि होती है। इस माह में मां दुर्गा की विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए। उसके अलावा सूर्य देव और भगवान राम की भी उपासना करनी चाहिए।
* चैत्र माह में विशेष रूप से गाय और पेड़ पौधों की सेवा करनी चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
* हिंदू कैलेंडर का पहला महीना होने से पूरे महा भगवान की पूजा और उपासना में ज्यादा समय देना चाहिए।
* चैत्र माह में बासी भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा भोजन में नमक की मात्रा कम रखनी चाहिए। वही ज्यादा से ज्यादा सीधा नमक का सेवन करना चाहिए।
* इस माह में तमासिक भोजन करने से बचना चाहिए।
* इस माह में गुड़ का सेवन करने से बचना चाहिए।
* माह के दौरान प्याज और लहसुन से बने भोजन करने से भी बचना चाहिए।
* नशे और लड़ाई झगड़े से दूर रहना चाहिए।
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