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India News (इंडिया न्यूज), Brahmos Missile: भारतीय स्वदेशी मिसाइल ब्रह्मोस की डिलीवरी पिछले दिनों फिलीपींस को किया गया। जिसको फिलीपींस ने गेम-चेंजर बताया है। उसका मानना है कि यह मिसाइल चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच उसकी तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगी। फिलीपींस द्वारा दो साल पहले भारत से ऑर्डर की गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों की पहली खेप शुक्रवार (19 अप्रैल) को मनीला के क्लार्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। इसे देश के द्वीपसमूह क्षेत्र के भीतर एक अज्ञात स्थान पर तैनात करने के लिए फिलीपीन नौसैनिकों को सौंप दिया गया। वहीं यह हाई प्रोफाइल मिसाइल ट्रांसफर तब हुआ है, जब दक्षिण चीन सागर के विवादित स्प्रैटली द्वीप द्वीपसमूह को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच तनाव चरम पर है।
बता दें कि, दक्षिण चीन सागर के सभी द्वीपों और चट्टानों पर ऐतिहासिक अधिकारों का चीन हवाला देता है। वहीं फिलीपींस उस क्षेत्र में अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर के क्षेत्रों और पारंपरिक मछली पकड़ने के मैदानों पर दावा करता है जिसे वह पश्चिम फिलीपीन सागर कहता है। वहीं ब्रह्मोस मिसाइल के डिलीवरी के बाद फिलीपींस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन मलाया ने कहा कि सिस्टम को दोनों हिस्सों मिसाइलों और लॉन्चरों के आने के बाद तैनात किया जाएगा। परंतु मलाया ने डिलीवरी शेड्यूल के बारे में विस्तार से नहीं बताया। फिलीपींस ने भारत को 375 मिलियन डॉलर के सौदे में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के तट-आधारित, जहाज-रोधी संस्करण की तीन बैटरियों का ऑर्डर दिया था। ब्रह्मोस हथियार प्रणाली अत्यधिक बहुमुखी है, जो समुद्र या जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ जमीन, हवा, समुद्र या समुद्र के नीचे से लॉन्च करने में सक्षम है।
बता दें कि, ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम का उत्पाद है, जिसमें 85 प्रतिशत हार्डवेयर पूर्व में निर्मित होते हैं। दरअसल इन मिसाइलों को भारतीय वायु सेना के बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर III के माध्यम से फिलीपींस पहुंचाया गया। यह पूर्ति एक प्रमुख हथियार निर्माता और निर्यातक के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत बनाती है। भारत ने यह आपूर्ति तब की है, जब वह खुद लंबे समय से चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है। साथ ही भारत हाल के दिनों में लाल सागर संकट के दौरान एक वैश्विक सुरक्षा प्रदाता के तौर पर नजर आया है। भारतीय नौसेना ने दर्जनों विदेशी जहाजों और सैकड़ों नौसैनिकों की जान बचाई है।
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