संबंधित खबरें
3 मुसलमानों की अर्थी उठने के बाद सामने आया संभल हिंसा का भयानक वीडियो, दिल दहला देगी 'अल्लाह-अल्लाह' की चीख-पुकार
Sambhal हिंसा मामले में कूदे Rahul Gandhi, पकड़ ली PM Modi की सबसे बड़ी गलती?
क्या मुगलों ने भारत में जबरन धर्म परिवर्तन कराया था? इतिहास का वो काला सच जान उड़ जाएंगे आपके होश!
Parliament Winter Session: 'मुट्ठीभर लोगों की गुंडागर्दी के जरिए…', शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले PM मोदी ने भरी हुंकार, विपक्षियों को यूं दिया करारा जवाब
प्याज-टमाटर के बाद फटा CNG बम, इन शहरों में मंहगा हुआ ईंधन, आसमान छुएगा गाड़ी का खर्च
शादी में दुल्हन को छोड़…मिनी ट्रक के पीछे क्यों भागने लगा दूल्हा, वीडियो देख नहीं होगा आंखों पर विश्वास
India News (इंडिया न्यूज), Parliament: संसद भवन से महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी समेत अन्य की मूर्तियों को उनके मूल स्थान से हटाकर पुराने भवन के पास एक लॉन में ले जाया गया है। इस कदम की आज कांग्रेस ने तीखी आलोचना की। वहीं आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप की मूर्तियों सहित सभी मूर्तियाँ अब उसी स्थान पर हैं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्तियों को संसद भवन के सामने उनके प्रमुख स्थानों से हटा दिया गया है। यह नृशंस है। वहीं भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि जब महाराष्ट्र के मतदाताओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया, तो शिवाजी और अंबेडकर की मूर्तियों को संसद में उनके मूल स्थान से हटा दिया गया।
पवन खेड़ा ने कहा कि जब गुजरात में उन्हें क्लीन स्वीप नहीं मिला, तो उन्होंने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा को उसके मूल स्थान से हटा दिया। उन्होंने आगे लिखा कि ज़रा सोचिए, अगर उन्हें 400 सीटें दी गई होतीं, तो क्या वे संविधान को बख्श देते? वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। जिसमें सरकार द्वारा संसद भवन परिसर से महात्मा गांधी, डॉ. अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिष्ठित मूर्तियों को बिना किसी अनुमति के हटाने के कथित एकतरफा कदम के बारे में बताया गया है। उनके स्थानांतरण पर स्पष्टता बताने को कहा गया है।
संसद भवन के सामने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्तियों को उनके विशिष्ट स्थानों से हटा दिया गया है। यह बेहद अपमानजनक हरकत है। pic.twitter.com/6QkIeDc7aQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 6, 2024
Communist Party of India (CPI) Rajya Sabha MP Binoy Viswam has written a letter to Prime Minister Narendra Modi regarding the alleged unilateral move by the government to remove iconic statues of Mahatma Gandhi, Dr. Ambedkar and Chhatrapati Shivaji from the Parliament House… pic.twitter.com/VrzARAFr9C
— ANI (@ANI) June 6, 2024
दरअसल, 18वीं लोकसभा के जून में अपने पहले सत्र के लिए बुलाए जाने पर संसद परिसर एक नए रूप में दिखाई, देगा क्योंकि चार अलग-अलग इमारतों वाले पूरे परिसर को एकीकृत करने का काम चल रहा है। वहीं बाहरी क्षेत्रों के पुनर्विकास के हिस्से के रूप में गांधी जी, शिवाजी और महात्मा ज्योतिबा फुले सहित राष्ट्रीय प्रतीकों की मूर्तियों को पुराने संसद भवन के गेट नंबर 5 के पास एक लॉन में ले जाया जाना था, जिसे संविधान सदन नाम दिया गया है। इससे गज द्वार के सामने एक विशाल लॉन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। जिसका उपयोग राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री नए संसद भवन में प्रवेश करने के लिए करते हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.