संबंधित खबरें
इस विशेष समय में बेहद प्रबल रहता है राहु…बस इस प्रकार करनी होती है पूजा और भर देता है धन-धान्य से तिजोरी
महाभारत युद्ध के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ जो भारत में नजर आने लगा तबाही का मंजर! जाने क्या है उन 18 दिनों की कहानी?
महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!
Kalashtami Katha 2024: जब भगवान शिव के इस अवतार ने अपने नाखून से काटा था ब्रह्मा जी का सर, ब्रह्म हत्या के पाप का लग गया था आरोप, जानिए क्या है इसका रहस्य!
इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
India News(इंडिया न्यूज),Neeb Karori Baba: बाबा नीब करौरी महाराज जी को हनुमान जी का अवतार कहा जाता है। बाबा नीब करौरी का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था। बाबा नीब करौरी महाराज जी का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था।
वैसे तो देश-दुनिया में बाबा नीब करौरी महाराज जी के कई मंदिर हैं, लेकिन सबसे खास उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम है। कैंची धाम में 15 जून को लगने वाले मेले में बाबा के भक्तों की भीड़ उमड़ती है। पवित्र कैंची धाम की स्थापना 1964 में हुई थी। कहा जाता है कि बाबा नीब करौरी महाराज 1961 में पहली बार कैंची धाम आए थे।
इस साल ऐतिहासिक कैंची धाम का 60वां स्थापना दिवस है जिसको लेकर भक्तों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं इसकी तैयारी धूमधाम से मनाए जाने की कि जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि सुबह की आरती के बाद बाबा को भोग लगाकर मालपुआ प्रसाद बांटा जाएगा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कैंची धाम से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता।
बाबा नीब करौरी महाराज यहां मांगी गई हर मुराद पूरी करते हैं। बाबा नीब करौरी महाराज का पवित्र कैंची धाम चमत्कारों से भरा पड़ा है। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी कैंची धाम आ चुके हैं।
बाबा नीब करौरी महाराज सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे। बाबा किसी को अपने पैर नहीं छूने देते थे। अगर कोई उनके पैर छूने की कोशिश करता तो वे उस व्यक्ति से श्री हनुमान जी महाराज के पैर छूने को कहते थे। बाबा प्रतिदिन कई तरह की लीलाएं कर अपने भक्तों की मदद करते थे। 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में बाबा ने अपना शरीर त्याग दिया था।
Parliament Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र इस तारीख से शुरू, सामने आई अहम जानकारी -IndiaNews
मिली जानकारी के अनुसार बाबा नीब करौरी महाराज हमेशा लोगों को कंबल ओढ़ाते थे। कैंची आने वाले भक्त बाबा नीब करौरी महाराज को कंबल भी भेंट करते हैं। बाबा के चमत्कारों का जिक्र कई किताबों में किया गया है। बाबा नीब करोरी की अलौकिक घटनाओं और प्रेम के चमत्कार के अलावा बाबा पर कई अन्य पुस्तकें भी लिखी गई हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.