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India News(इंडिया न्यूज), Sam Pitroda: लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराधिकार कर जैसे विवादित प्रस्ताव को पेश करने वाले सैम पित्रोदा ने अब ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। आपको बता दें कि लगातार विपक्ष इन पर सवाल उठाता आया ही है जिसकी वजह से ईवीएम का मुद्दा विवादास्पद रहा है। इस बीच सैम पित्रोदा ने इस पर क्या बयान दिया है, हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं।
सैम पित्रोदा ने ट्विटर पर लिखा, कि ‘मैंने 60 साल से ज्यादा समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम जैसे सेक्टर में काम किया है। मैंने ईवीएम की व्यवस्था का विस्तार से अध्ययन किया है। मेरा मानना है कि इनसे छेड़छाड़ की जा सकती है। सबसे अच्छा होगा कि चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाएं और इनकी गिनती करके जीत-हार तय की जाए।’ इस बीच, चुनाव आयोग ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर ईवीएम हैकिंग के आरोपों पर भी जवाब दिया है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि ईवीएम बिल्कुल अलग चीज है।
यह इलेक्ट्रॉनिक या इंटरनेट जैसी किसी चीज से जुड़ी नहीं होती। इस वजह से इसे हैक नहीं किया जा सकता। इसके अलावा इसे अनलॉक करने के लिए ओटीपी की जरूरत वाला दावा भी गलत है। इस बीच, भाजपा ने चुनाव आयोग से ईवीएम को बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। आपको बता दें कि यह विवाद एक मीडिया रिपोर्ट से शुरू हुआ था।
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इसमें दावा किया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार ने ईवीएम को मोबाइल से कनेक्ट कर दिया था। यह 4 जून को हुआ, जिस दिन चुनाव के नतीजे घोषित होने थे। इस चुनाव में रवींद्र वायकर 48 वोटों के मामूली अंतर से जीते थे। इस तरह यह दिखाने की कोशिश की गई कि मोबाइल के जरिए हैकिंग करके नतीजे बदले गए। अब जब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है तो चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि ईवीएम में ओटीपी जैसी कोई व्यवस्था नहीं है।
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