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India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला, नई दिल्ली: लोकसभा का अध्यक्ष पद बीजेपी अपने पास ही रखेगी और उपाध्यक्ष पद अपने सहयोगी दल को देने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो बीजेपी की कोशिश है कि अपने सहयोगी टीडीपी और जेडीयू में से किसी एक दल को उपाध्यक्ष पद दे विपक्ष को पटखनी दी जाए। हालांकि इससे पूर्व सरकार की तरफ से दोनों पदों पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। आम सहमति की जिम्मेदारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी गई है।
सहयोगियों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक भी की। इस बैठक टीडीपी, जेडीयू और बीजेपी के नेता भी शामिल हुए। इससे यह संकेत मिल रहे हैं मोदी 3.0 में राजनाथ सिंह सरकार और विपक्ष के बीच सेतु का काम करेंगे। राजनाथ सिंह के विपक्ष के साथ संबंध हमेशा मधुर रहे हैं। विपक्ष इस बार जिस तरह का रुख अपना रहा है उससे लगता नहीं है कि सरकार इस बार भी संसद को सुचारू रूप से चला पाएगी। बाकी लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से स्थिति साफ हो सकेगी।
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है। प्रधानमंत्री मोदी के पिछले दो कार्यकाल में बीजेपी के पास बहुमत था इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने डिप्टी स्पीकर का पद अपने सहयोगी अन्नाद्रमुक को दिया था। तब थंबी दुरई डिप्टी स्पीकर थे। लेकिन दूसरे कार्यकाल में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा। इस बार बीजेपी अपने बलबूते बहुमत नहीं ला पाई जिसका नतीजा यह हुआ कि उसे सहयोगी दलों के भरोसे सरकार बनानी पड़ी। विपक्ष पहली बार ताकतवर बन कर उभरा। इसलिए विपक्ष सरकार पर डिप्टी स्पीकर पद के लिए दबाव की राजनीति कर रहा है।
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विपक्ष की रणनीति है कि सरकार पर पहले दिन से ही दबाव बना कर रखा जाए। इसलिए विपक्ष के नेताओं ने पहले सरकार में शामिल बीजेपी के सहयोगी दलों को उकसाने की कोशिश जरूर की है लेकिन उसमें वह सफल होते नहीं दिख रहे है। जेडीयू के केसी त्यागी साफ कर चुके हैं कि वह बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन देंगे। जहां तक टीडीपी का सवाल है तो दो बातें चल रही हैं डी पुरंदेश्वरी पर सहमति बनती है तो टीडीपी फिर उपाध्यक्ष पद बीजेपी दूसरे सहयोगी को दे सकती है।
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अगर पुरेंदेश्वरी पर बात नहीं बनी तो फिर बीजेपी की तरफ से दूसरे नाम होंगे और टीडीपी को उपाध्यक्ष पद दिया जा सकता है। बीजेपी की तरफ से ओम बिड़ला तो पूरी ताकत लगाए हुए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को जिस तरह से बिड़ला के सरकारी आवास जा कर मुलाकात की उसके बाद इस बात को बल मिलने लगा कि बिड़ला को फिर मौका मिल सकता है। हालांकि फैसले में अभी समय हैं। बिड़ला के अलावा राधा मोहन सिंह और रविशंकर प्रसाद के नाम की भी चर्चा है। विपक्ष की अभी तक की राजनीति दबाव की दिखती है। जहां तक संख्या बल का सवाल है राजग बहुत मजबूत है। अगर बीजेपी ने सहयोगियों को डिप्टी स्पीकर के लिए राजी कर दिया तो फिर विपक्ष चुनाव की बात नहीं करेगा।
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