संबंधित खबरें
साल 2025 में इन दो राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती, ये 3 चीजों से रहें सावधान वरना झेल नहीं पाएंगे प्रकोप!
महाभारत के इस योद्धा के प्यार में पड़ राक्षसी ने किया था अपने भाई से बगावत, ऐसा क्या हुआ जो रूप बदल बन गई थी 'देवी'!
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बेकाबू हो उठेगा कुबेर खजाना!
महाभारत में जब श्री कृष्ण के शंख से हील गया था पूरा ब्रम्हांड! वो राक्ष्स जिसके वजह से यमलोक में मच गया था हड़कंप, जानें क्या है उस शंख का नाम?
इन 3 राशि के जातकों को आज मिलने जा रहा है बुधादित्य योग का बड़ा मुनाफा, होगा इतना लाभ जिससे आप भी होंगे अंजान!
दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?
India News (इंडिया न्यूज), Rakshas: आज आप सोच रहे होंगे कि हम आपको ये क्या बता रहे हैं या क्या ही सीखा रहे हैं लेकिन ये सोच हैं। देवताओं कि तरह एक राक्षस भी ऐसा हैं जिसकी पूजा करने मात्र से आपके घर को एक पहरेदार मिल जायेगा जिसपर आप पूर्णरूप से विश्वास कर सकेंगे।यह वाक्य वास्तव में एक गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक व्यंग्य को दर्शाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में राक्षसों को अक्सर दुष्ट और अधर्मी माना गया है, लेकिन कुछ संदर्भों में, उन्हें भी श्रद्धा और सम्मान दिया जाता है।
दिवाली का त्योहार: राक्षस रावण का पूजा पर्व दशहरा और दिवाली के समय होता है। लोग रावण के पुतले जलाते हैं, लेकिन इसे एक तरह का उत्सव माना जाता है, जहां अच्छाई की बुराई पर जीत का जश्न मनाया जाता है।
भूत प्रेत: कई संस्कृतियों में, भूत-प्रेतों और राक्षसों की पूजा भी की जाती है। लोग इन्हें अपने घरों में पहरा देने वाले मानते हैं और इन्हें संतुलन बनाए रखने केलिए आह्वान करते हैं।
मात्र एक घांस के तिनके से क्यों कांपता था लंकानरेश? माता सीता को छू तक नहीं पाया था रावण!
संरक्षक की भूमिका: कुछ मान्यताओं में, राक्षसों को घर की रक्षा करने वाले मानते हैं। उन्हें भय और दुश्मनों से बचाने वाला समझा जाता है।
संस्कृति में स्थान: राक्षसों की कहानियाँ भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं। वे जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक हैं—अच्छाई और बुराई, संतुलन और संघर्ष।
कलयुग में भगवान Kalki के साथ महाभारत के ये वीर योद्धा भी लेंगे जन्म, क्या है उनका नाम?
इस प्रकार, राक्षस केवल दुष्टता के प्रतीक नहीं, बल्कि संस्कृति के गहरे अर्थों को व्यक्त करने वाले पात्र भी हैं। देवताओं की तरह उनकी पूजा और सम्मान इस बात को दर्शाता है कि हमारी धारणाएँ हमेशा एकरूप नहीं होतीं; वे जटिल और बहुआयामी होती हैं।
कभी किसी से नहीं डरते इस मूलांक पर पैदा हुए लोग, जाने कौन हैं इस लिस्ट में शामिल?
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.