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India News (इंडिया न्यूज़), Ashadha Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर पूजा-पाठ, स्नान, दान और जप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही बताया गया है कि जो व्यक्ति इस खास दिन व्रत रखता है, उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस समय आषाढ़ मास चल रहा है और जल्द ही आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं, आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत कब किस दिन रखने का महत्व है?
वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 05:55 बजे प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 21 जुलाई को दोपहर 03:45 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि को पूजा-पाठ के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 21 जुलाई 2024 रविवार को रखा जाएगा और अगले दिन से सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाएगा। Ashadha Purnima 2024
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पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और ध्यान करने का विशेष महत्व है। 21 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:13 बजे से 04:55 बजे के बीच रहेगा। वहीं दान के लिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 बजे से 12:55 बजे के बीच रहेगा। शाम की पूजा का शुभ समय शाम 07:24 बजे से 08:35 बजे के बीच रहेगा।
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शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा-पाठ, स्नान और दान करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही पूर्व जन्म और इस जन्म में अज्ञानता में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है। इस खास दिन पर दान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान करता है, उसे देवी-देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और इससे कई तरह के ग्रह दोष भी दूर होते हैं।
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