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India News(इंडिया न्यूज), Mahabharat Shakuni Mama: महाभारत का नाम जब भी आता हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला ख्याल पांडव और कौरवों की लड़ाई का आता हैं लेकिन वही इसमें एक और भी किरदार ऐसा था जिसका नाम सुनते ही लोगो के मन में घृणा का भाव उत्पन्न हो जाता हैं। जी हाँ! आप सही समझे शकुनि मामा। महाभारत में शकुनि मामा की टांग टूटने की घटना को लेकर विभिन्न कथाएँ हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, शकुनि की टांग उनके पिता के द्वारा तोड़ी गई थी।
गांधार के राजा सुबल के पुत्र शकुनि थे। पांडवों और कौरवों के बीच के संघर्ष में, शकुनि का महत्वपूर्ण योगदान था। उनके पिता सुबल ने अपने परिवार को पांडवों के खिलाफ कौरवों का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया था।
जब दुर्योधन ने गांधार के राजा सुबल और उनके परिवार को बंदी बना लिया, तो उन्होंने सभी को भूखा रखा। अंततः, उन्होंने सुबल और उनके सभी पुत्रों को मरने के लिए कारावास में डाल दिया। इस दौरान, सुबल ने अपने सबसे छोटे पुत्र शकुनि को जीवित रखने का निर्णय लिया और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह इस कठिनाई को याद रखे और पांडवों के खिलाफ बदला ले सके, सुबल ने शकुनि की एक टांग तोड़ दी। इससे शकुनि को शारीरिक रूप से कमजोर कर दिया गया, लेकिन उनके मन में प्रतिशोध की भावना को और भी प्रबल कर दिया।
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कुछ अन्य कथाएँ भी प्रचलित हैं, जिनमें कहा गया है कि शकुनि की टांग युद्ध या अन्य घटनाओं के दौरान घायल हुई थी, लेकिन सबसे अधिक प्रचलित कथा वही है जिसमें उनके पिता सुबल ने उनकी टांग तोड़ी थी।
शकुनि की टांग तोड़ने का उद्देश्य यह था कि वह हमेशा उस यातना को याद रखें और कौरवों के प्रति अपनी वफादारी बनाए रखें। इसका परिणाम यह हुआ कि शकुनि ने पांडवों के खिलाफ षड्यंत्र रचने और कौरवों की सहायता करने के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी।
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