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India News (इंडिया न्यूज़), BJP in UP: इस वक्त उत्तर प्रदेश में बीजेपी की हालत सही नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 में यहां जैसा प्रदर्शन रहा उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। इस बीच अफवाहों का बाजार गर्म है कि जिस तरह से यूपी से लेकर दिल्ली तक मैराथन बैठकों का दौर चल रहा है कहीं राज्य के मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की कवायद तो नहीं चल रही है। ऐसे में उनकी जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी दी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ओर से पार्टी के आलाकमान को लोकसभा चुनाव 2024 में हुए पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजहों को बताते हुए रिपोर्ट पेश कर दी है। प्रदर्शन रिपोर्ट में बीजेपी की हार के कारणों की लंबी लिस्ट है। भूपेंद्र चौधरी ने रिपोर्ट में बताया है कि राज्य में पार्टी के वोट शेयर में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। कुर्मी और मौर्यों का समर्थन घटा है। साथ ही दलित वोटों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजहों में से एक है ये।
आज को पार्टी में खलबली मची हुई है ऐसे में यह रिपोर्ट आग में घी जैसा काम करेगा। खटास के बीट यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी अब जा सकती है। कहा जा रहा है कि उनकी हार की एक वजह यह भी थी है वह काफी ज्यादा ‘अति आत्मविश्वासी’ हो गए थे। तभी तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कह दिया था कि करते हुए कहा ‘संगठन सरकार से बड़ा है।’ उनके इस बयान के बाद ही मामले ने तूल पकड़ लिया। रिपोर्ट में इस बात पर भी फोकस किया गया है जल्द से जल्द राज्य इकाई को अपने मतभेदों को खत्म कर लेना चाहिए।मतभेद को ‘अगड़ा बनाम पिछड़ा’ संघर्ष में बदलने से रोकने की जरूरत है और जमीनी स्तर पर काम शुरू करना होगा।
बीजेपी की साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जो हाल हुआ इससे पार्टी को जोरदार झटका लगा है। रिपोर्ट्स के अनुसार हार का मुख्य कारण गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलितों के समर्थन का घटना भी है। आंकड़ों पर नजर डालें तो
-भाजपा को कुर्मी-कोइरी से 61 प्रतिशत समर्थन (19 प्रतिशत का नुकसान) मिला।
-गैर-यादव ओबीसी से 59 प्रतिशत समर्थन (13 प्रतिशत का नुकसान) मिला।
-गैर-जाटव दलितों से 29 प्रतिशत समर्थन (19 प्रतिशत का नुकसान) मिला।
-पार्टी की ओऱ से उच्च जातियों का एक प्रतिशत
-कुर्मी और कोइरी का दो प्रतिशत
-यादवों का एक प्रतिशत
-गैर-यादव ओबीसी का तीन प्रतिशत
-गैर-जाटव दलितों का दो प्रतिशत
-मुसलमानों का एक प्रतिशत वोट गवां दिया।
इतना जरुर है कि जाटवों का उसे लगभग एक प्रतिशत वोट उम्मीद से ज्यादा मिला है।
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