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India News(इंडिया न्यूज), Sleep: आज देश में लगभग 20 करोड़ से भी ज्यादा लोग अनिंद्रा का शिकार हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हर 4 में से 1 व्यक्ति अनिंद्रा की चपेट में है। ये समस्या आज बेहद आम बन चुकी है। टी वी, मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के साथ-साथ लोगों की बिगड़ती लाइफ स्टाइल इस समस्या का प्रमुख कारण हैं। लेकिन क्या आपको पता है इस समस्या को हम जितने हल्के में ले रहे हैं। यह समस्या हमारे लिए उतनी ही घातक हो सकती है और हमें स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बढ़ सकता है मोटापा- कम नींद लेना मतलब मोटापे को नियंत्रण देना। जी हां ये सच है कि कम नींद लेने से हम आसानी से मोटापे का शिकार हो सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार जो लोग कम नींद लेता हैं उनमें संतुलित नींद लेने वालों से मोटापे की 30 प्रतिशत ज्यादा संभावना होती है।
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जो लाग कम नींद लेते हैं उनमें मौत का खतरा एक संतुलित नींद लेने वालों से दोगुना होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को हृदय रोग होने की संभावना भी ज्यादा होती है।
कम नींद लेने से शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्राव होने लग जाता है। जिससे की त्वचा का पीला पड़ना, त्वचा का रंग फीका पड़ना और आंखों के नीचे काले घेरे आने जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
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कम नींद से निर्णय लेने, समस्याओं को हल करने, अपनी भावनाओं और व्यवहार को नियंत्रित करने और बदलाव से निपटने में परेशानी हो सकती है। नींद की कमी को अवसाद, आत्महत्या और जोखिम लेने वाले व्यवहार से भी जोड़ा गया है। Sleep
शायद आप इस बात से अनभिज्ञ होंगे लेकिन नींद लेने का भी एक पैमाना होता है कि आपको किस उम्र में कितनी नींद लेनी चाहिए। 4 से 12 माह के बच्चों को 12 से 16 घंटे, 1 से 2 साल के बच्चे- 11 से 14 घंटे 3 से 5 साल के बच्चे 11 से 14 घंटे, 6 से 12 साल के बच्चे- 9 से 12 घंटे, 13 से 18- 8 से 10 घंटे, 18 साल के बाद- कम से कम 7 घंटे वहीं 60 साल के बाद- 8 घंटे यानी 1 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। Sleep
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