Rahul Gandhi के भाषण पर स्पीकर की चली कैंची, संसद में लिया था इन चार लोगों का नाम। Speaker cuts Rahul Gandhi's speech, he had named these four people in Parliament
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Rahul Gandhi के भाषण पर स्पीकर की चली कैंची, संसद में लिया था इन चार लोगों का नाम

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : July 30, 2024, 2:04 pm IST
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Rahul Gandhi के भाषण पर स्पीकर की चली कैंची, संसद में लिया था इन चार लोगों का नाम

Rahul Gandhi

India News (इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi Speech: संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर दिया गया राहुल गांधी का दूसरा भाषण भी विवादों में आ गया है। बीते सोमवार 29 जुलाई को बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण के कुछ शब्दों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

संसद से हटाए गए ये 4 शब्द

बता दें कि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की आपत्ति के बाद राहुल गांधी के दूसरे भाषण से जिन शब्दों को हटाया गया है, उनमें अंबानी, अडानी, मोहन भागवत, अजीत डोभाल जैसे नाम शामिल है। उन्होंने अपने कुल 45 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने इन चार लोगों का नाम लिया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी आपत्ति जताई है।

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संसद में राहुल गांधी ने क्या कहा?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि, हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। मैंने थोड़ा शोध किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कमल का फूल। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह बनाया गया है। वह भी कमल के आकार का। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वही भारत के साथ किया जा रहा है- युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय। आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं। आज भी छह लोग इसे नियंत्रित करते हैं, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी। स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा कि, “अगर आप चाहें तो मैं NSA, अंबानी और अडानी का नाम छोड़कर सिर्फ 3 नाम लूंगा।”

किस नियम के तहत हटाए जाते हैं शब्द ?

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, संसद की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 380 (निष्कासन) में कहा गया है कि, अगर अध्यक्ष या सभापति की राय है कि बहस में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। जो कि अपमानजनक, अभद्र, असंसदीय हैं। तो सदन के अध्यक्ष या सभापति अपने विवेक का इस्तेमाल करके ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे सकते हैं।

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