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India News(इंडिया न्यूज), Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण को बरकरार रखा, कहा कि कोटा देना जायज़ है। इनमें बदलाव किया नहीं किया जा सकता।बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने शीर्ष अदालत के 2005 के फैसले को खारिज कर दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकारों को आरक्षण के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों की उप-श्रेणियां बनाने का कोई अधिकार नहीं है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को 6:1 के बहुमत से दिए गए फैसले में कहा कि पिछड़े समुदायों में हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अलग से कोटा देने के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण स्वीकार्य है। इसमें बदलाव की गुंजाइश नहीं है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने शीर्ष अदालत के 2005 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकारों को आरक्षण के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों की उप-श्रेणियां बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
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