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India News (इंडिया न्यूज़), Moon is Moving Away From Earth: चांद के बिना धरती पर जीवन के अस्तित्व पर कई दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन में दावा किया गया है कि चांद हमारी धरती से दूर जा रहा है। यह प्रति वर्ष लगभग 3.8 सेंटीमीटर की दर से दूर जा रहा है। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो धरती पर एक दिन 25 घंटे लंबा हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि पहले धरती पर एक दिन 18 घंटे से थोड़ा ज़्यादा लंबा हुआ करता था।
पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा में हो रहे इस परिवर्तन पर विस्कॉन्सिन-मैडिसन यूनिवर्सिटी की एक टीम द्वारा एक शोध रिपोर्ट जारी की गई है। शोध दल ने 90 मिलियन वर्ष पुरानी एक चट्टानी संरचना पर ध्यान केंद्रित किया। ऐसा इसलिए ताकि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच होने वाले बहाव का पता लगाया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा प्रति वर्ष लगभग 3.8 सेंटीमीटर की दर से पृथ्वी से दूर जा रहा है। इसका पृथ्वी पर दिनों की लंबाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो 200 मिलियन वर्षों में पृथ्वी के दिन 25 घंटे तक के हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, लगभग 1.4 बिलियन वर्ष पहले, पृथ्वी पर एक दिन 18 घंटे से थोड़ा अधिक होता था। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, “जैसे-जैसे चंद्रमा पीछे हटता है, पृथ्वी एक घूमती हुई फिगर स्केटर की तरह होती है जो अपनी भुजाओं को फैलाते हुए धीमी हो जाती है। हमारी महत्वाकांक्षाओं में से एक खगोल विज्ञान का उपयोग करके सबसे दूर के अतीत में समय बताना था ताकि बहुत प्राचीन भूवैज्ञानिक समय के पैमाने विकसित किए जा सकें। हम अरबों साल पुरानी चट्टानों का अध्ययन करने में सक्षम होना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “चंद्रमा का पीछे हटना कोई नई खोज नहीं है; यह दशकों से ज्ञात है। विश्वविद्यालय के अनुसार, चंद्रमा की वर्तमान पीछे हटने की दर अपेक्षाकृत स्थिर है, लेकिन पृथ्वी की घूर्णन गति में उतार-चढ़ाव आया है।”
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