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India News (इंडिया न्यूज),Vande Bharat: भारतीय रेलवे ने 100 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए टेंडर रद्द कर दिया है। रेलवे ने यह टेंडर अधिक कीमतों के कारण रद्द किया है। रेलवे ने 100 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के निर्माण और रखरखाव के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। इस प्रोजेक्ट के लिए एल्सटॉम इंडिया ने सबसे कम कीमत कोट की थी। रेलवे 140 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन पर डील करना चाहता था फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनी एल्सटॉम इंडिया के एमडी ओलिवियर लोइसन ने मनीकंट्रोल से कहा कि हमने प्रत्येक ट्रेन के निर्माण के लिए 150.9 करोड़ रुपये की कीमत कोट की थी।
रेलवे यह डील 140 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन पर करना चाहता था। एल्सटॉम के अलावा स्विस कंपनी स्टैडलर रेल और हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव्स ने भी इस टेंडर के लिए बोली लगाई थी।
अब रेलवे इस प्रोजेक्ट के लिए नया टेंडर जारी कर सकता है। टेंडर जीतने वाली कंपनी को 7 साल में 100 एल्युमीनियम ट्रेनें बनानी थीं। एल्युमीनियम से बनी ट्रेनें न केवल हल्की होती हैं बल्कि कम ऊर्जा भी खपत करती हैं। पिछला टेंडर 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन की दर से दिया गया था। हालांकि, अब तक रेलवे ने इस टेंडर पर कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन, ओलिवियर लॉयसन ने इसकी पुष्टि कर दी है।
उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार को सहयोग देना जारी रखेंगे। इससे पहले 200 वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का टेंडर 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन की दर से दिया गया था। ये सभी स्टील से बनी थीं। हमने अपनी तरफ से सही कीमत बताई थी। इन ट्रेनों को 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लायक बनाया जाना था। हम आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत सप्लाई चेन का स्थानीय सिस्टम भी विकसित करने वाले थे।
35 साल तक मेंटेनेंस के नाम पर दिया गया पैसा भारतीय रेलवे को उम्मीद थी कि इस टेंडर के लिए कम से कम 5 कंपनियां आगे आएंगी। हालांकि, कई कंपनियां तकनीकी दौर में बाहर हो गई थीं। कंपनियों को प्रोटोटाइप बनाने और हर साल 5 जोड़ी ट्रेनें देने के लिए आरएंडडी सुविधा देनी थी। टेंडर जीतने वाली कंपनी को ट्रेनों की डिलीवरी पर 13 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे और बाकी 17 हजार करोड़ रुपये 35 साल तक रखरखाव के नाम पर दिए जाएंगे।
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