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India News (इंडिया न्यूज), Lakshmi Vilas Palace: दुनिया में कई अमीर लोग हैं और इन अमीर लोगों ने अपने लिए भव्य आलीशान घर बनवाए हैं जो किसी महल से कम नहीं हैं। इन महंगे और बड़े घरों में आज के हिसाब से सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं मौजूद हैं। क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी रिहायशी इमारत भारत में है। बता दें कि यह इमारत भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के विश्व प्रसिद्ध घर एंटीलिया से भी बड़ी है। आज हम आपको वडोदरा के मशहूर लक्ष्मी विलास पैलेस के बारे में बताएंगे, जो दुनिया की सबसे बड़ी रिहायशी इमारत है।
बता दें कि, गुजरात के गायकवाड़ राजघराने का यह घर शानदार वास्तुकला और ऐतिहासिक विरासत का बेहतरीन उदाहरण है। इस महल का निर्माण महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने साल 1880 में करवाया था। इस इमारत में इंडो-सरसेनिक पुनरुद्धार की यह उत्कृष्ट कृति कभी दुनिया की सबसे बड़ी निजी संपत्ति थी। बहुरंगी संगमरमर, शानदार कलाकृतियों और फव्वारों से सजे लक्ष्मी विलास पैलेस का आकार बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। अनुमान के अनुसार, लक्ष्मी विलास पैलेस की मौजूदा कीमत करीब 1,80,000 पाउंड (20 हजार करोड़ रुपये) है। वास्तुकला का यह शानदार महल वर्तमान में एचआरएच समरजीतसिंह गायकवाड़, उनकी पत्नी राधिकाजे गायकवाड़ और उनकी दो बेटियों का घर है। लक्ष्मी विलास पैलेस का इतिहास काफी रोमांचक रहा है।
वडोदरा में लक्ष्मी विलास पैलेस से पहले गायकवाड़ राजपरिवार महाराजा पैलेस (सरकारवाड़ा) या नज़रबाग पैलेस में रहता था। महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय को एक बड़े घर की जरूरत महसूस हुई और उन्होंने उस समय के मशहूर आर्किटेक्ट मेजर चार्ल्स मंट को अपनी जरूरत की सुविधाओं के बारे में बताया। हालांकि, महल के निर्माण के दौरान मंट की मृत्यु हो गई और उनके अधूरे काम को आर्किटेक्ट रॉबर्ट फेलोस चिसोलम ने पूरा किया।
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18वीं शताब्दी में निर्मित यह महल अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें एक आंतरिक टेलीफोन एक्सचेंज, लिफ्ट और एक निर्बाध बिजली आपूर्ति है। महल का बाहरी हिस्सा सुनहरे पत्थर से बना है जिसे सोनगढ़ की खदानों से लाया गया था। महल में दो बहुत बड़े आंगन हैं जो पेड़-पौधों और फव्वारों के साथ एक शांत वातावरण प्रदान करते हैं। भव्य और आलीशान अंदरूनी भाग, महंगे संगमरमर, पत्थर और शानदार कलाकृतियों के साथ यह महल बहुत खूबसूरत दिखता है। महल में प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा द्वारा बनाई गई कई पेंटिंग हैं।
इसके अलावा, महल में एक गोल्फ कोर्स, एलवीपी बैंक्वेट और मोती बाग पैलेस और महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय भवन है। इसके अलावा, महल में मोती बाग क्रिकेट ग्राउंड, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन कार्यालय, इनडोर टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट हैं। इस महल में एक छोटा चिड़ियाघर और महल के बच्चों के लिए एक रेलवे ट्रैक भी है।
700 एकड़ में फैले इस महल में 170 कमरे हैं। 4 मंजिला ऊंचा लक्ष्मी विलास पैलेस खास तौर पर महाराजा और महारानी के लिए बनाया गया था। भारत में होने के बावजूद यह महल किसी यूरोपीय घर की झलक देता है। सबसे खास बात यह है कि यह महल आम लोगों के लिए भी खुला है। जी हां, आप 150 रुपये का टिकट खरीदकर लक्ष्मी विलास पैलेस का भ्रमण कर सकते हैं, जबकि म्यूजियम के लिए टिकट की कीमत 60 रुपये है।
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