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India News (इंडिया न्यूज), Salary of Government Employees in UP: अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं तो अपनी जेब को कस के पकड़ लीजिए। हो सके तो खर्च कम कर लीजिए क्योंकि इस माह आपकी सैलरी पर संकट मंडरा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं मीडिया रिपोर्ट्स कह रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को इस महीने वेतन नहीं मिल सकता है, अगर उन्होंने सरकारी पोर्टल मानव संपदा पर अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया। ऐसी सभी संपत्तियों को घोषित करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया था।
हालांकि, अब तक सिर्फ़ 26 फ़ीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी दी है। आदेश में कहा गया है कि जो कर्मचारी आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें पदोन्नति से भी वंचित किया जाएगा।
पिछले साल अगस्त में जारी आदेश के अनुपालन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर थी। उत्तर प्रदेश में इस समय 17 लाख 88 हजार 429 सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें से मात्र 26 फीसदी यानी 4,64,991 कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन दिया है। शेष 13,23,438 ने अब तक जानकारी साझा नहीं की है। ऐसे में उनके वेतन पर संकट मंडरा रहा है। राज्य सरकार में कार्यरत आईएएस और पीसीएस के बाद अब सभी श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चल-अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना अनिवार्य हो गया है।
कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश को सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों के साथ ही विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को भेज दिया है। आदेश के अनुसार, जो कर्मचारी यह ब्योरा नहीं देंगे, उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस कदम से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा, “इस कदम का उद्देश्य सरकार के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।”
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