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India News (इंडिया न्यूज), Most Delayed Train In India: भारतीय ट्रेन एक नया मुकाम लिखने जा रही है। बदलते वक्त के साथ इन ट्रेनों में भी कई बदलाव हुए हैं। रफ्तार से लेकर सुविधाओं तक हर चीज को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन इन सब के बीच में एक ऐसी मुसीबत जरूर है जो अक्सर होती है और वह है ट्रेन लेट होना। आप कहीं बाहर जा रहे हैं ट्रेन से और पता चले कि वह दो-तीन घंटे लेट है तो अक्सर हम सभी परेशान हो जाते हैं। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई ट्रेन 3 साल लेट हो सकती है। एक ऐसी ट्रेन जो निकली तो सफर पर लेकिन समय पर पहुंची नहीं। उसे पहुंचने में 3 साल लग गए। यही वजह है कि यह ट्रेन भारत के इतिहास में सबसे लेट ट्रेन की लिस्ट में शामिल हो गई।
मामला इसी साल 2024 का है जिसके तार साल 2014 से जुड़े हैं। 2014 के नवंबर महीने में विशाखापट्टनम से खाद से भरी हुई एक ट्रेन उत्तर प्रदेश के बस्ती के लिए निकलत। ट्रेन पटरी पर अपनी रफ्तार से दौड़ रही होती है कि तभी अचानक वह गायब हो जाती है। इधर बस्ती व्यापारी रामचंद्र गुप्ता ने ट्रेन को 14 लाख से ज्यादा कीमत की 1361 पैकेट खाद की डिलीवरी के लिए उसे बुक किया था। जिसका वह इंतजार कर रहे थे लेकिन उनका इंतजार इतना लंबा हो जाएगा यह तो उन्होंने क्या किसी ने भी कल्पना नहीं की।
आपके पसीने छूट जाएंगे यह जानकर कि जिस ट्रेन को ज्यादा से ज्यादा दो दिन यानी की 42 घंटे और 13 मिनट लगे चाहिए थे पहुंचने के लिए उसे बस्ती रेलवे स्टेशन पहुंचना था। वह ट्रेन साढ़े तीन साल बाद अपने गंतव्य स्थान पर यानी की बस्ती पहुंची। 1400 किलोमीटर की यात्रा तय करने में इस ट्रेन को पूरे साढे तीन साल लग गए।
जब ट्रेन अपने समय पर बस्ती नहीं पहुंची तो व्यापारी रामचंद्र गुप्ता परेशान होकर इस मामले को लेकर वह रेल अधिकारियों के पास गए। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं निकला। यहां तक कि उन्हें कहीं से भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इसलिए मान लिया गया कि एक तरह से यह ट्रेन गायब हो गई। काफी सालों की जांच के बाद आखिरकार ट्रेन साल 2018 में बस्ती पहुंची।
ट्रेन खाद से भरी हुई थी जो इस बीच पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी थी। हालांकि ट्रेन तो मिल गई लेकिन इस बात का पता अब तक नहीं चल पाया कि आखिर इस ट्रेन के साथ क्या हुआ था और यह ट्रेन अचानक कहां गायब हो गई थी।
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