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India News HP (इंडिया न्यूज)Himachal News: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट गहराता नजर आ रहा है। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की दूसरी तारीख को भी सरकारी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन नहीं मिली। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान आने के बाद कर्मचारियों को महीने की पांच या छठी तारीख तक वेतन और पेंशन मिल सकेगी। ऐसे में हिमाचल प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के साथ ही हाईकमान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राहुल गांधी की ‘खटखट’ योजना की पोल खुल गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले आर्थिक संकट की बात कर रहे थे। दिल्ली से आदेश आने के बाद अब उन्होंने अपना बयान बदल दिया है।
उन्होंने कहा, “मुख्य संसदीय सचिवों की असंवैधानिक फौज को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने वकीलों पर सात करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वेतन-भत्तों में देरी कर सरकार ने केवल दिखावा किया है।” जयराम ठाकुर ने कहा कि जनता सब जानती है। बड़े-बड़े दावे करने वाली कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण कार्यों से खुद को दूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि, ‘मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद परेशान हो गए हैं। प्रदेश की वित्तीय सेहत काफी खराब हो गई है। यह पहली बार है कि कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को वेतन नहीं मिला है। सितंबर की दो तारीख बीतने के बाद भी वेतन नहीं आया है। अब केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान मिलने के बाद ही कर्मचारियों को वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिल पाएगी।’
उन्होंने कहा कि खराब आर्थिक हालत के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री अब प्रदेश की खराब आर्थिक हालत के बारे में दिए गए अपने बयान से पीछे हट रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली से आए आदेश के बाद मुख्यमंत्री पीछे हट गए हैं। मुख्यमंत्री को कांग्रेस हाईकमान से प्रदेश की आर्थिक हालत पर बात न करने के निर्देश मिले हैं।
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