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India News (इंडिया न्यूज), India’s Top Powerful Weapons: भारत के पास ऐसे कई हथियार हैं, जो दुश्मन को पल भर में नेस्तनाबूत कर सकते हैं। आज हम भारत के 5 ताकतवर हथियारों की बात करेंगे। इसमें ब्रह्मोस, S-400, बराक-8, अग्नि-5 और धनुष तोप का नाम आता है। इसके अलावा भी भारत के पास कई ऐसे हथियार है, जिससे दुश्मन थर-थर कांपते हैं। अगर हम ब्रह्मोस की बात करें तो ये सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। भारत का दूसरा सबसे प्रमुख हथियार S-400 है। यह एयर डिफेंस सिस्टम है। जो सबसे आधुनिक है और किसी भी हमले को भेदने में सक्षम है।
अगर हम बराक-8 की बात करें तो ये लंबी दूरी की वो मिसाइल है, जो जमीन से हवा में मार कर सकती है। इसका प्रयोग भारत की तीनों सेनाएं करती हैं। भारत की मिसाइल पावर को अग्नि-5 और मजबूत बनाती है, यह मिसाइल तकरीबन 1500 किलोग्राम के वजन उठाने में सक्षम है। धनुष तोप बोफोर्स का स्वदेशी वर्जन है। इन्हें 5 साल पहले ही सेना में कमीशन किया गया है।जिनकी संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
भारतीय सेना के लिए 1,770 FRCV (फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स) खरीदे जाएंगे। यह लड़ाकू टैंक होंगे, जो बख्तरबंद कोर को आधुनिक बनाएंगे और इसकी लागत करीब 45,000 करोड़ रुपये होगी। ये FRCV बेहद उच्च तकनीक से लैस हैं, जो कई हथियार प्लेटफॉर्म के तौर पर काम कर सकते हैं। सेना फिलहाल T-90, T-72 और अर्जुन टैंकों से काम चला रही है, जबकि ये FRCV अब पुराने हो चुके T-72 टैंकों की जगह लेंगे।
इसके साथ ही डीएसी ने नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 75,000 करोड़ रुपये की लागत से 7 और प्रोजेक्ट-17बी स्टील्थ फ्रिगेट के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। 2 इंजन वाले इन डेक आधारित लड़ाकू विमानों के सौदे की अनुमानित लागत करीब 50,000 करोड़ रुपये है।
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भारतीय सेना की ताकत में बहुत जल्द इजाफा होने वाला है, क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने बेहद हाईटेक टैंक, रडार और नए गश्ती विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार की रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। जिसमें से 99 प्रतिशत रकम स्वदेशी आपूर्तिकर्ताओं से खरीद पर खर्च की जाएगी।
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