संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज़), Gobar Se Bani Bappa Ki Murti: हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर लाखों गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। हालांकि, अधिकांश प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी होती हैं, जो विसर्जन के बाद जल प्रदूषण का कारण बनती हैं। इस समस्या का समाधान निकालते हुए, आगरा नगर निगम और ‘लव यू जिंदगी’ फाउंडेशन ने इस बार एक अनोखी पहल की है। वे गाय के गोबर से बनी गणेश जी की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बाजार में लेकर आए हैं, जो न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेंगी बल्कि आत्मनिर्भर गौशालाओं को भी बढ़ावा देंगी।
गोबर से बनी ये गणेश प्रतिमाएं पूरी तरह इको-फ्रेंडली हैं। इनके विसर्जन से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा। खास बात यह है कि इन प्रतिमाओं के भीतर फलदार और छायादार पौधों के बीज डाले गए हैं। इसका मतलब है कि जब इन्हें नदी, तालाब या फिर गमलों में विसर्जित किया जाएगा, तो ये प्रतिमाएं धीरे-धीरे घुलकर एक पौधे का जन्म देंगी। इस पहल के जरिए न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि गणपति बप्पा की स्थापना के बाद उनके आशीर्वाद से एक नया जीवन भी अंकुरित होगा।
इस Ganesh Chaturthi बन रहे अद्भुत 6 शुभ संयोग, पलट जाएगी किस्मत, बस बांध लें ये ढाई घंटे
आगरा नगर निगम के गोमय उत्पादन केंद्र में इन गोबर की गणेश प्रतिमाओं की बिक्री की जा रही है। नगर निगम के विशेष स्टॉल पर शुक्रवार शाम तक ये प्रतिमाएं उपलब्ध रहेंगी। 9 इंच से लेकर 18 इंच तक की इन प्रतिमाओं की कीमत 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक रखी गई है, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से खरीद सके।
पशु कल्याण अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं के बजाय गोबर की प्रतिमाएं लोगों को खूब भा रही हैं। विसर्जन के बाद ये प्रतिमाएं प्राकृतिक खाद के रूप में काम करेंगी, जिससे पेड़-पौधों का विकास होगा। इसके अलावा, इस पहल से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया जा रहा है। गाय के गोबर का सदुपयोग करके इन प्रतिमाओं को तैयार किया गया है, जिससे गौशालाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।
आगरा नगर निगम और ‘लव यू जिंदगी’ फाउंडेशन की यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में भी कदम है। गोबर से बनी गणेश प्रतिमाएं स्थापित करके इस गणेश चतुर्थी पर हम पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता का संदेश दे सकते हैं।
इस गणेश चतुर्थी पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाओं को छोड़कर गोबर की इको-फ्रेंडली प्रतिमाएं अपनाएं और गणपति बप्पा के आशीर्वाद के साथ धरती मां को भी संरक्षित करें।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.