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India News (इंडिया न्यूज), Sandip Ghosh CBI Custody: केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दरअसल, घोष पर अपने कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित आरोप हैं। वहीं अलीपुर में सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में डॉ. संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने तीन अन्य लोगों घोष के सुरक्षा गार्ड अफसर अली और ठेकेदार बिप्लब सिन्हा और सुमन हाजरा को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह आगे की हिरासत की मांग कर सकती है।
बता दें कि, डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शनों के बीच, सीबीआई वित्तीय अनियमितताओं और पीड़िता की मौत के बीच संभावित संबंधों की जांच जारी रखे हुए है। एक महीने पहले, कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। जिसका बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। जांचकर्ता अभी भी उन घटनाओं को सुलझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसके कारण यह अपराध हुआ, जिसने अस्पताल के भीतर गहरे मुद्दों को उजागर किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 13 अगस्त को सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली।
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बता दें कि, जांच के दौरान पाया गया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष ने 10 अगस्त को अपराध स्थल के पास एक शौचालय को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। पीडब्ल्यूडी द्वारा आंशिक रूप से ध्वस्त किए जाने से महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट होने का संदेह है। वहीं जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार के आरोपों सहित कई और मुद्दे सामने आए। पूर्व उप अधीक्षक डॉ. अख्तर अली की याचिका में घोष के कथित वित्तीय कुप्रबंधन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की गई। डॉ. अली ने सुझाव दिया कि भ्रष्टाचार डॉक्टर की मौत से जुड़ा हो सकता है। क्योंकि पीड़ित को कदाचार के बारे में पता हो सकता है और संभवतः उसने इसे उजागर करने की धमकी दी होगी।
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