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इंडिया न्यूज़, वाराणसी:
kashi vishwanath corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंच चुके हैं। पीएम अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (varanasi) के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। पीएम सबसे पहले शहर के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव बाबा की अनुमति के बिना किसी भी शुभ कार्य का आगाज नहीं किया जाता। ऐसा करने से सभी कार्य बिना विघ्न के पूरे होते जाते हैं। यहां से पीएम ललिता घाट पहुंचे और गंगा में डुबकी लगाने के बाद गंगा का पवित्र जल लेकर बाबा काशी विश्वनाथ की और चल दिए।
यहां गर्भगृह में बाबा शिव की पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री उन श्रमिकों के बीच पहुंचे उन्होंने दिन-रात मेहनत करते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। यही नहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने कॉरिडोर निर्माण में लगे मजदूरों के साथ बैठ कर खाना भी खाया, यहां प्रधानमंत्री ने सभी मजदूरों के साथ एक सामुहिक चित्र खिंचवाया और बातचीत की। काशी विश्वनाथ मंदिर में जलपान के लिए सुविधा मिलेगी वहीं सिटी म्यूजियम का भी निर्माण करवाया गया है। बुजुगों और दिव्यांगों के लिए अलग से रास्ता बनाया गया है।
kashi vishwanath dham inauguration: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास पीएम मोदी ने (varanasi news) 8 मार्च 2019 को किया था। वहीं पीएम की इस योजना को जल्दी पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे परिसर को एक विशष्ट क्षेत्र घोषित करते हुए सहयोग किया था। पीएम (kashi vishwanath dham) ने शिलान्यस करते हुए कहा था कि यह कॉरिडोर काशी को खोई पहचान वापस दिलवाने वाला होगा। 33 महीने में पूरा होने के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर धाम को यहां आने वाले यात्रियों की सुविधाओं के नजरिये से भी खास बनाया गया है। अब बाबा के दर पर बेल व रुद्राक्ष के पेड़ यात्रियों के आकर्षण का केंद्र रहेंगे वहीं कई छायादार पेड़ भी यहां आने वाले यात्रियों को शुद्ध वातावरण देंगे।
kashi vishwanath corridor: पहले बाबा काशी विश्वनाथ धाम केवल पांच हजार स्क्वायर फीट में ही सीमित था। लेकिन अब मंदिर परिसर 5 लाख स्क्वायर में फैल गया है। सबसे खास ये है कि पहले गंगा घाट से स्नान करने के बाद श्रधालुओं को तंग गलियों से होते हुए मंदिर तक पहुंचना पड़ता था। लेकिन अब कॉरिडोर बनने से गंगा घाट से भक्त काशी दरबार तक पहुंच सकेंगे। इस दौरान काशी की सड़कों (kashi vishwanath corridor) पर लोग हर-हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे। मोदी ने कहा कि इससे न सिर्फ देश विदेश से आने वाले भक्तों को सहुलियत होगी बल्कि वाराणसी के लोगों को भी अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। पीएम ने कहा कि यहां के हर पत्थर में शिव विराजमान हैं। वहीं यहां के हर जीव में भगवान वास करते हैं। काशी में जो भी होता है वह काशी महादेव की इच्छा से ही होता है। यही वो जगह है जहां संत कबीर दास ने ज्ञान की गंगा बहाई, यही वो पवित्र भूमि है जहां संत रविदास ने मानवता की अलग प्रकाष्ठा लिखी।
kashi vishwanath dham: सांसकृतिक राजधानी काशी विश्वनाथ मंदिर को जब औरंगजेब ने तुड़वा दिया था तो माता अहिल्या बाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का फिर से निर्माण करवाया। महाराजा रणजीत सिंह ने 33 मण सोना चढ़ाया था। देशभर के पूर्व में रहे राजाओं ने काशी को बनाने में सहयोग किया।(Prime minister narendra modi) मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने (varanasi) में सिर्फ स्वार्थ की राजनीति की है। हेमकुंड साहिब में रोपवे से दर्शन किए जाने के लिए काम शुरू करवाया जा रहा है। जनता ही ईश्वर का दूसरा रूप है। तीन संकल्प चाहता हूं पहला स्वच्छता जीवनशैली होती है अनुशासन होती हे। बिना स्वच्छता के आगे बढ़ना मुश्किल है। नमामी गंगे को साकार करते हुए हमें निरंतर काम करना होगा। दूसरा सृजन, आत्म विश्वास से सृजन को आगे बढ़ाना चाहिए, कोरोना काल में जब दुनिया घरों में कैद थी तो भारत के 40 से अधिक भारतीयों ने नया स्टार्टअप लिया और लाखों रोजगार का सृजन किया। तीसरा आत्मनिर्भर भारत, हर भारत वासी के प्रयास से आज हम आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमें दूसरों पर निर्भर रहने की आदत छोड़नी होगी। उसके लिए हमें अपने कौशल को पहचानते हुए काम करना होगा और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना होगा।
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