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India News RJ(इंडिया न्यूज)Rajasthan Politics: राजस्थान में भजनलाल सरकार पिछली कांग्रेस सरकार के एक और फैसले को बदलने जा रही है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि सरकार अब राज्य में ‘एक शहर, एक निकाय’ मॉडल लागू करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इससे पहले राज्य के सभी नगरीय निकायों और वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा। फिर उसके बाद जयपुर, कोटा और जोधपुर में एक शहर, एक निकाय मॉडल लागू कर अगले साल चुनाव कराए जाएंगे।
दरअसल, राजस्थान में भजनलाल सरकार इस साल नगर निगम चुनाव नहीं कराने जा रही है। इस बात का खुलासा भजनलाल सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने किया है। मंत्री ने खुलासा किया कि राज्य सरकार एक राज्य, एक चुनाव के साथ-साथ एक शहर, एक निकाय मॉडल को भी लागू करने की तैयारी कर रही है। इसी वजह से इस साल राज्य में नगर निगम चुनाव नहीं होंगे।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस दौरान कहा कि अगले साल पंचायत चुनाव के साथ ही राज्य में नगर निगम चुनाव भी होंगे। अब अगर राजस्थान की भजनलाल सरकार राज्य में एक शहर, एक निकाय मॉडल को लागू करती है तो फिर से जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक-एक ही निकाय रह जाएंगे। बता दें, पिछली अशोक गहलोत सरकार ने इन तीनों जिलों में दो-दो नगर निगम बनाए थे।
आपको बता दें कि अगर राजस्थान में इस साल निकाय चुनाव नहीं हुए तो 91 निकायों में समय से पहले चुनाव होंगे, जिनका कार्यकाल 2026 तक था। वहीं जयपुर, जोधपुर और कोटा समेत 56 निकायों में समय पर चुनाव होंगे। इनके अलावा भरतपुर, बीकानेर, पाली, अलवर और उदयपुर नगर निगम, 16 नगर परिषद और 28 नगर पालिकाओं में इस साल चुनाव नहीं होंगे।
गौरतलब है कि इन सभी निकायों का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है। जिन निकायों के बोर्ड का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है, उनका कार्यकाल प्रशासन को सौंपकर बढ़ाया जा सकता है। वहीं, मंत्री के इस बयान से प्रदेश में ‘एक राज्य एक चुनाव’ की चर्चा भी फिर जोर पकड़ने लगी है।
मालूम हो कि राजस्थान के कई नगर निकायों का कार्यकाल नवंबर माह में खत्म हो रहा है। ऐसे में नए फार्मूले के तहत इन निकायों के चुनाव 2025 में होंगे। भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर और पाली, अलवर समेत पांच नगर निगमों में चुनाव नहीं होंगे। इसके अलावा ब्यावर, भिवाड़ी, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बालोतरा, चित्तौड़गढ़, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, मकराना, सीकर, सिरोही और टोंक जिला परिषद में इस साल चुनाव नहीं होंगे।
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