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India News UP(इंडिया न्यूज),UP Politics: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज यानी बुधवार को एक राष्ट्र, एक चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब पीएम मोदी के इस प्रस्ताव पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी नेता और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर तंज कसा है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि, “आप अपने रहते हुए महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी के उपचुनावों की भी घोषणा कर सकते थे। अगर ‘एक राष्ट्र, एक राष्ट्र’ सिद्धांत रूप में है, तो कृपया स्पष्ट करें कि क्या प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी गांव, कस्बे, नगर निकायों के चुनाव भी एक साथ होंगे या त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की जीत-हार का इंतजाम करने के लिए अपनी सुविधानुसार चुनाव कराएंगे?
अगर किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है तो क्या जनता की चुनी हुई सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होंगे? इसे लागू करने के लिए जो संवैधानिक संशोधन करने होंगे, क्या उनके लिए कोई समय सीमा तय की गई है या फिर यह भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के लिए टालने का नारा मात्र है?
क्या यह चुनावों का निजीकरण करके नतीजों को बदलने की योजना है? ऐसी आशंका इसलिए पैदा हो रही है क्योंकि कल सरकार कहेगी कि उसके पास इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराने के लिए मानव और दूसरे ज़रूरी संसाधन नहीं हैं, इसीलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं।
जनता का सुझाव है कि भाजपा को पहले अपने दल के अंदर जिला, शहर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे चुनाव कराने चाहिए और फिर पूरे देश की बात करनी चाहिए। आखिर में जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अभी तक क्यों नहीं हुआ, जबकि सुनने में आता है कि वहां ‘एक व्यक्ति, एक मत’ चलता है। क्या अब कमज़ोर हो चुकी भाजपा में ‘दो व्यक्ति, दो मत’ की लड़ाई चल रही है?
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