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India News (इंडिया न्यूज), Brahmastra: ब्रह्मास्त्र हिंदू धर्म में एक अलौकिक और सबसे शक्तिशाली अस्त्र माना जाता है, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इस अस्त्र के बारे में कई पौराणिक कहानियां हैं जो इसे अद्वितीय और विनाशकारी साबित करती हैं।
ब्रह्मास्त्र को ब्रह्मा जी द्वारा निर्मित माना जाता है, जिन्हें सृष्टि के रचयिता के रूप में जाना जाता है। इस अस्त्र को इसलिए बनाया गया था ताकि संसार में अधर्म और अनैतिकता के फैलाव को रोका जा सके और इंसान ब्रह्मांडीय नियमों का पालन करता रहे। इसे चलाने के लिए मंत्रों का प्रयोग किया जाता था, और इसे इतना शक्तिशाली माना जाता है कि इसके निशाने से बचना लगभग असंभव होता है।
इतिहास और पुराणों में बहुत कम लोगों को ब्रह्मास्त्र चलाने का ज्ञान था। यह अस्त्र केवल कुछ विशिष्ट योद्धाओं द्वारा ही चलाया जा सकता था।
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महाभारत युद्ध के बाद अश्वत्थामा ने अपने पिता द्रोणाचार्य की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। उसने इसे पांडवों की ओर छोड़ा, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने दिव्य कौशल से इसे वापस मोड़ दिया। जब अश्वत्थामा ने इसे उत्तरा के गर्भ में पल रहे परीक्षित की ओर मोड़ा, तो श्रीकृष्ण ने अपने सूक्ष्म रूप में उत्तरा के गर्भ में प्रवेश करके परीक्षित को बचाया। इस घटना से ब्रह्मास्त्र के विनाशकारी प्रभाव और श्रीकृष्ण की महानता का पता चलता है।
ब्रह्मास्त्र, हिंदू धर्म में परमाणु हथियारों से भी अधिक शक्तिशाली माना जाता है। इसका प्रभाव व्यापक और विनाशकारी होता है। इसे केवल विशेष योद्धा ही चला सकते थे, और इसका सामना करने का कोई सामान्य उपाय नहीं होता था।
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