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India News (इंडिया न्यूज), Tirupati laddu Controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का मामला बढ़ता जा रहा है, जहां अब इसे लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। इस चल रहे विवाद के बीच मंदिर के शुद्धिकरण का फैसला किया गया है। शुद्धिकरण के लिए मंदिर में अनुष्ठान भी किया गया। पंचगव्य से मंदिर का पूरा शुद्धिकरण किया गया है। इस अनुष्ठान उद्देश्य मंदिर में हुई गलती को सुधारना और मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना है।
मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए महाशांति यज्ञ का आयोजन किया गया। तिरुपति मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान पंचगव्य यानी पांच पवित्र चीजों से पूरे स्थान का शुद्धिकरण किया गया। पंचगव्य में गाय का दूध, दही, मूत्र, घी और गोबर शामिल हैं। इसके बाद लड्डू पोट्टू यानी लड्डू बनाने वाली रसोई और अन्नप्रसादम पोट्टू यानी प्रसाद बनाने वाली रसोई का शुद्धिकरण किया गया।
#WATCH | Andhra Pradesh | A ‘purification’ ritual, Shanti Homam was performed as per the tenets of Vaikhanasa Agama in the Yagashala of Tirumala temple today in wake of Laddu Prasadam row. pic.twitter.com/9atHj7mXqD
— ANI (@ANI) September 23, 2024
शुद्धिकरण के दौरान 11 विशेष लोग मौजूद थे। 8 पुजारी और 3 आगम सलाहकार पूरे तिरुमाला मंदिर परिसर को पंचगव्य से शुद्ध करने में शामिल थे। अनुष्ठान का समय सुबह 6:00 बजे शुरू हुआ और सुबह 10 बजे तक चला। इसके लिए काफी तैयारियां की गई थीं। यह कदम तिरुपति तिरुमाला लड्डू विवाद के बाद उठाया गया।
हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का मामला सामने आया था, जिसे लेकर महंत धीरेंद्र शास्त्री समेत कई लोगों ने इसके खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था और कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले को लेकर खुद आंध्र प्रदेश के सीएम ने बयान जारी कर कहा था कि करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं, परंपराओं और धार्मिक प्रथाओं के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। दोषी कर्मचारियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
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