संबंधित खबरें
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
India News (इंडिया न्यूज),Nirmala Sitharaman:बंद हो चुकी चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़ी एक शिकायत के बाद बेंगलुरु की एक अदालत के निर्देश पर शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, विशेष अदालत के आदेश के आधार पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के भाजपा पदाधिकारियों के खिलाफ धारा 384 (जबरन वसूली की सजा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ धारा 34 (समान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले बेंगलुरु की एक अदालत ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया था। वहीं, इस मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अब इस्तीफा कब मांगेंगे।
जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदेश अय्यर ने सीतारमण और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में बेंगलुरु की जन प्रतिनिधि अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने वित्त मंत्री और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में नकद दान को खत्म करना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बनी रहे। इसके बाद लोग एसबीआई के इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते थे। इसका खुलासा नहीं किया गया। पिछले साल विपक्षी दलों के आरोपों और इसके खिलाफ कई याचिकाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है।
अब आदर्श अय्यर ने आरोप लगाया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए डरा-धमकाकर जबरन वसूली की गई। जन अधिकार संघर्ष परिषद ने पिछले साल अप्रैल में कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, तत्कालीन कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बेंगलुरु के तिलक नगर थाने को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की और कहा कि इस मामले में तीन महीने के अंदर रिपोर्ट पेश की जाए। उन्होंने कहा, ‘निर्मला सीतारमण के खिलाफ जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। वह कौन हैं? वह केंद्रीय मंत्री हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। वह इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली में शामिल थीं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। क्या वे (भाजपा) उनसे इस्तीफा मांगेंगे? भाजपा नेता उनके इस्तीफे के लिए कब विरोध प्रदर्शन और मार्च निकालेंगे? अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस्तीफा देना पड़ेगा। अब धारा 17ए (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत जांच पूरी कर तीन महीने में रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए।
MP News: हिंसक हो रहे शहर के स्ट्रीट डॉग, नगर पालिका के पास नहीं है कोई कार्य योजना
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.