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बेंगलुरु में पाकिस्तानी परिवार का भंडाफोड़, शर्मा बनकर 10 सालों से कर रहे थे ये काम!

BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 1, 2024, 9:42 pm IST
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बेंगलुरु में पाकिस्तानी परिवार का भंडाफोड़, शर्मा बनकर 10 सालों से कर रहे थे ये काम!

Pakistani family living in Bengaluru

India News (इंडिया न्यूज),Bengaluru:पिछले 10 सालों से फर्जी पहचान के साथ भारत में रह रहे चार पाकिस्तानियों को 30 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इनके असली नाम राशिद अली सिद्दीकी (47), आयशा (38), हनीफ मोहम्मद (73) और रुबीना (61) हैं। ये लोग राजपुरा गांव में शंकर शर्मा, आशा रानी, ​​राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा नाम से रह रहे थे।

 एयरपोर्ट से किया गया गिरफ्तार

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर इन्हें चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। ये लोग ढाका से चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरे थे। जांच के दौरान इमिग्रेशन अधिकारियों ने इन्हें इनके फर्जी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ में पहले तो इन्होंने बताया कि ये लोग शर्मा परिवार हैं और 2018 से बेंगलुरु में रह रहे हैं। इनके पास मिले पहचान पत्रों में हिंदू नाम भी देखे गए। हालांकि, जब पुलिस जांच के लिए इनके घर गई तो इनके घर की दीवार पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-यूनुस’ लिखा हुआ था।

सख्ती से पूछताछ के बाद किया कबूल

सिद्दीकी से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कबूल किया कि वह पाकिस्तानी है और कराची के लियाकताबाद का रहने वाला है। उसकी पत्नी और उसका परिवार लाहौर से है। उसने बताया कि उसने 2011 में आयशा से ऑनलाइन शादी की थी, जब वह बांग्लादेश में अपने माता-पिता के साथ रहती थी। बाद में राशिद को भी बांग्लादेश आना पड़ा, क्योंकि उसे पाकिस्तान में विरोध का सामना करना पड़ रहा था। बांग्लादेश में वह मेहदी फाउंडेशन में उलेमा के तौर पर काम करने लगा। जहां उसका सारा खर्च संगठन ही उठाता था। बाद में 2014 में भी सिद्दीकी पर हमला हुआ और फिर परवेज नाम के शख्स ने उसे अवैध तरीके से भारत में दाखिल करवाया। सिद्दीकी अपनी पत्नी और उसके परिवार और रिश्तेदारों के साथ पश्चिम बंगाल के मालदा के रास्ते बांग्लादेश से भारत आया।

सच सामने आने के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

वह कुछ दिन दिल्ली में रहा, फिर 2018 में जब सिद्दीकी नेपाल गया तो वहां उसकी मुलाकात वाशिम और अल्ताफ से हुई। उसके बाद पूरा परिवार बेंगलुरु चला गया। यहां सिद्दीकी को मेहदी फाउंडेशन ने उलेमा बनने के लिए कहा। उसने ऑफर स्वीकार कर लिया और अलरा टीवी पर आने लगा। वह शो बनाता था और अल्ताफ उसका सारा किराया वहन करता था। सच सामने आने के बाद पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया। इन पर आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और पासपोर्ट एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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