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India News (इंडिया न्यूज), Amrit Sidhi Yoga: 21 अक्टूबर यानी की आज से 24 अक्टूबर तक अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। जो कि बेहद खास होने वाला है, अगर आपके जिवन में दुख और दरिद्रता बनी रहती है तो आप भी इस सिद्धि योग से अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस संयोग का खास महत्व होता है। जब दिन, नक्षत्र और तिथि एक साथ आते हैं तो सिद्ध योग बनता है। उदाहरण के लिए, यदि सोमवार को नवमी या दशमी हो और नक्षत्र रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, श्रवण और शतभिषा में से कोई एक हो तो सिद्ध योग बनता है। आइए जानते हैं अमृत सिद्धि योग क्या होता है।
अमृत सिद्धि योग जब रवि का हस्त, सोमवार का मृगशिरा, मंगल का अश्वनी, बुध का अनुराधा, गुरु का पुष्य नक्षत्र हो तो रवि पुष्यामृत-गुरु पुष्यामृत नामक योग बनता है जो अत्यंत शुभ माना जाता है। अमृत सिद्धि योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन अगर इस योग के दौरान तिथियों का अशुभ संयोग हो तो अमृत योग नष्ट होकर विष योग में बदल जाता है। जब सोमवार को हस्त नक्षत्र हो तो शुभ योग शुभ मुहूर्त बनाता है, लेकिन अगर उसी दिन षष्ठी तिथि भी हो तो विष योग बनता है।
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अगर आपके रिलेशनशिप में भी दिक्कते आ रही हैं, या आपके काम नही बन पा रहे, पढ़ाइ में परेशानी में आ रही है और पैसे हाथ में नही रूक रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें की आप आज के दिन इन परेशानियों को लेकर 24 अक्टूब तक आप ये खास उपाय कर सकते हैं। अगर आपने ये उपाय किए तो आपको कुछ ही समय में अंतर देखने को मिल सकता है।
पहला उपाय: आज से ही आप माता के इस मंत्र का उच्चारण करना शुरू कर सकते हैं। मंत्र है ओम वसुंधरे स्वाहा इस मंत्र को आपको 24 तारिख तक 101 बार उच्चारण करना है।
दुसरा उपाय: अज से हीं आप एक बुक में अपना विशेज लिखना शुरू कर दें और इस बात का ख्याल रखें की जब तक आपकी विश पूरी नही हो जाती तब तक आप इस बात का ख्याल रखें की कोई उस बुक को कोई ना देखें।
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