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India News (इंडिया न्यूज), Entry Conditions in BRICS: रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें हिस्सा लेने के लिए रूस के कजान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्लेन जैसे ही लैंड हुआ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस स्वागत करने का अंदाज देखकर पूरी दुनिया दंग रह गई। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस समय ब्रिक्स के सदस्यों की संख्या नौ है। इसमें भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका के साथ ग्रुप में नए देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान और सऊदी अरब भी शामिल हैं। बताते चलें कि, BRICS का मकसद विकासशील देशों का आपस में आर्थिक सहयोग बढ़ाना, तालमेल कायम रखना, एक दूसरे से राजनैतिक संबंध बेहतर बनाना और आपसी आर्थिक मदद में सहयोग करना है।
हम आपको बता दें कि, ब्रिक्स के अभी 9 सदस्य देश हैं। इसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान जी तोड़ मेहनत कर रहा है। पिछले दिनों एससीओ समिट में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का दौरा किया था। फिर इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बयान सामने आया था। जिसमें वो पीएम मोदी के पाकिस्तान दौरे की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादियों को लगातार बढ़ावा दे रहा है। अब पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान समेत करीब 35 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए दावेदारी की है। इसके लिए पाकिस्तान की सरकार रूस को खुश करने की जी तोड़ मेहनत कर रहा है। पकिस्तान इस कोशिश में लगा हुआ है कि वह रूस की मदद से भारत पर दबाव डाले और ब्रिक्स का सदस्य बन जाए। हालांकि रूस ने इसके लिए शर्त राखी है। जिसमें ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों के साथ अच्छे संबंध रखने होंगे और रूस की यही शर्त पाकिस्तान के लिए सिर दर्द बन गया है।
ब्रिक्स में शामिल होने के कुए रूस ने कुछ शर्तें तय की हुई है तो भारत ने भी इसके लिए कुछ शर्तें तय की हुई है। भारत ने इस बारे में स्पष्ट कर दिया है कि वो ब्रिक्स में किसी नए सदस्य देश का समर्थन तब करेगा जब उसका भारत के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार नहीं होगा। भारत ने अपने इस मानदंड से पाकिस्तान की दावेदारी का खुलकर विरोध कर दिया है। हम आपको बतातें चलें कि, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र, शंघाई सहयोग संगठन, इस्लामिक सहयोग संगठन, राष्ट्रमंडल राष्ट्र, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ और इस्लामिक सैन्य आतंकवाद विरोधी गठबंधन का सदस्य है। लेकिन ये तमाम संगठन पाकिस्तान के लिए बेमानी साबित हुए हैं। इस कारण पाकिस्तान रूस, चीन और हिंदुस्तान वाले सबसे मजबूत संगठन का हिस्सा बनकर अपना वजूद को बचाने की कोशिश कर रहा है।
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