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India News(इंडिया न्यूज), DRDO Agni-6 Missile : हाल के समय में दुनिया के कई देश जंग से जूझ रहे हैं। जहां एक तरफ सालों से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है, तो वहीं मिडिल ईस्ट में इजरायल एक साथ तीन मोर्चो पर जंग लड़ रही है। गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के बाद अब ईरान के साथ भी इजरायल की सीधी जंग होने की संभावना सामने आ रही है। विश्व में ऐसी स्थिती को देखते हुए भारत भी तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। इसी कड़ी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के द्वारा विकसित कि गई अग्नि-6 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को रणनीतिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। अग्नि-6, अग्नि श्रृंखला की छठी कड़ी है। अग्नि-6 भारत की सामरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही देश की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाएगी। इसके अलावा अग्नि-6 मिसाइल पूरी धरती को कवर करेगी।
जानकारी के मुताबिक अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी का मानना है कि भारत 2027 तक इस मिसाइल की तैनाती कर सकता है। हालांकि भारत ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की हैं। लेकिन चीन पहले से ही भारत की बढ़ती मिसाइल क्षमताओं से परेशान है।
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अगर हम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-6 की ताकत की बात करें तो इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली इसे उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा अग्नि-6 की रेंज 10,000 से 12,000 किलोमीटर के बीच होने की उम्मीद हैं, जिससे यह अधिकांश वैश्विक लक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है। इसी सबसे अच्छी बात ये है कि यह पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है। मिसाइल की तकनीक की बात करें तो अग्नि-6 में एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होगी। इसमें 10-12 स्वतंत्र रूप से लक्षित किए जा सकने वाले परमाणु वारहेड्स लगे होंगे, जिन्हें एक ही मिसाइल के जरिए अलग-अलग लक्ष्यों पर छोड़ा जा सकता है। ऊंचाई पर उड़ान भरने के चलते इसे रडार से बचने में मदद मिलती है। इसकी गति मैक 24 के आसपास होने की संभावना है।
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