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हसन नसरल्लाह ने करीब तीन दशक तक समूह का नेतृत्व किया। नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने लेबनान में अपनी जड़ें मजबूत की हैं। हिजबुल्लाह की निर्णय लेने वाली शूरा काउंसिल ने लंबे विचार-विमर्श के बाद नईम कासिम को अपना नया नेता चुना है।हिजबुल्लाह के बयान में साफ किया गया कि वे जीत हासिल होने तक नसरल्लाह की नीतियों पर काम करते रहेंगे और अल-अक्सा और फिलिस्तीनियों को अकेला नहीं छोड़ेंगे।
नसरल्लाह की हत्या को लेबनान के शिया समुदाय के बीच एक बड़े सदमे के तौर पर देखा गया क्योंकि उनकी हत्या से पहले इजरायल ने समूह के कई वरिष्ठ नेताओं की हत्या कर दी थी। ऐसे में नईम कासिम इजरायली हमलों का मुकाबला करने के साथ-साथ अपने लड़ाकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
अपने संगठन के नेताओं की हत्या के बाद हिजबुल्लाह देश में इजरायली घुसपैठ से लड़ रहा है और रोजाना इजरायली बस्तियों पर रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजबुल्लाह और इजरायली सैनिकों के बीच लड़ाई में पिछले 3 दिनों में 48 आईडीएफ सैनिक मारे गए हैं।
दूसरी तरफ इजरायल ने लेबनान पर अपने हवाई हमले भी जारी रखे हैं, जिसके चलते 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
hezbollah.org के अनुसार, नईम कासिम का जन्म दक्षिणी लेबनान के नबातियेह प्रांत के काफ़र किला गाँव में हुआ था। कासिम हिज़्बुल्लाह के मुख्य विचारकों में से एक हैं और इसके संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। कासिम ने 1970 में लेबनानी यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस से रसायन विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, साथ ही इस्लामी विद्वान अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फ़दलल्लाह के अधीन अपने धार्मिक और धार्मिक अध्ययन को आगे बढ़ाया। वह 1974-1988 तक एसोसिएशन फ़ॉर इस्लामिक धार्मिक शिक्षा के प्रमुख थे और लेबनानी मुस्लिम छात्रों के संघ के संस्थापक सदस्य भी थे।
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